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सदियों से आजमाया गया आध्यात्मिक उपाय, 2 मिनटके वायरल फुटेज में जानिए कैसे गायत्री मंत्र दूर करता है जीवन के हर कष्ट और संकट

सदियों से आजमाया गया आध्यात्मिक उपाय, 2 मिनटके वायरल फुटेज में जानिए कैसे गायत्री मंत्र दूर करता है जीवन के हर कष्ट और संकट

भारतीय संस्कृति में मंत्रों का विशेष स्थान रहा है और उनमें भी "गायत्री मंत्र" को सर्वोच्च माना गया है। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि मानसिक शांति, शारीरिक ऊर्जा और जीवन की समस्त समस्याओं से मुक्ति दिलाने का एक अचूक उपाय भी है। वेदों में वर्णित यह महामंत्र ऋषि विश्वामित्र द्वारा उद्घोषित किया गया था और इसे "संवेदना का स्रोत" भी कहा जाता है।

गायत्री मंत्र इस प्रकार है:
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

इस मंत्र का अर्थ है – “हम उस सविता देवता का ध्यान करते हैं, जो संपूर्ण संसार को जीवन देने वाले हैं, उनके दिव्य प्रकाश से हमारी बुद्धि का मार्गदर्शन हो।” गायत्री मंत्र न केवल बुद्धि को तेज करता है, बल्कि व्यक्ति को नकारात्मकता से निकालकर सकारात्मक ऊर्जा की ओर ले जाता है।

मानसिक और आध्यात्मिक लाभ
गायत्री मंत्र का नियमित जप मानसिक तनाव को दूर करता है। जो व्यक्ति चिंता, भय या निराशा की स्थिति में होता है, उसे यह मंत्र एक मजबूत मानसिक आधार प्रदान करता है। इसके उच्चारण से मस्तिष्क में कंपन उत्पन्न होते हैं जो पीनियल ग्लैंड को सक्रिय करते हैं। यह ग्रंथि नींद, मनोदशा और मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करती है। यही कारण है कि वैज्ञानिक भी अब गायत्री मंत्र के प्रभाव को मान्यता देने लगे हैं।

शारीरिक ऊर्जा का संचार
गायत्री मंत्र का जाप केवल मन और आत्मा को ही नहीं, बल्कि शरीर को भी प्रभावित करता है। यह प्राण ऊर्जा को जाग्रत करता है जिससे शरीर में रक्तसंचार सुधरता है, थकान दूर होती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। योग और ध्यान के साथ यदि इस मंत्र का समन्वय किया जाए, तो यह चमत्कारी प्रभाव देता है।

जीवन की समस्याओं से मुक्ति
गायत्री मंत्र को "त्रिविध ताप नाशक" भी कहा गया है – अर्थात यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के कष्टों को समाप्त करता है। यह व्यक्ति के कर्मों को परिष्कृत करता है और उसे सही दिशा में सोचने, निर्णय लेने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।आज के समय में जब जीवन तनाव, असंतुलन और असुरक्षा से घिरा हुआ है, ऐसे में गायत्री मंत्र एक स्थायी समाधान बनकर सामने आता है। यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि एक मानसिक औषधि भी है जो नकारात्मक सोच को समाप्त करके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी देता है समर्थन
हाल ही में कई शोधों में यह सामने आया है कि जब व्यक्ति प्रतिदिन कुछ मिनटों तक गायत्री मंत्र का उच्चारण करता है, तो उसके मस्तिष्क में अल्फा वेव्स उत्पन्न होते हैं, जो ध्यान और एकाग्रता को बढ़ाते हैं। इससे मानसिक शांति मिलती है और कार्य क्षमता में भी सुधार होता है।

कब और कैसे करें गायत्री मंत्र का जाप?
गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय के समय या संध्या काल में शांत वातावरण में करना सर्वोत्तम माना गया है। जाप करते समय एकाग्रता बनाए रखना आवश्यक है। प्रतिदिन 108 बार इस मंत्र का जाप करने से अत्यंत शुभ फल मिलते हैं।यदि समय कम हो तो कम से कम 11 बार मंत्र का उच्चारण भी लाभकारी होता है। ध्यान रखें कि इसका उच्चारण स्पष्ट और धीमी गति से हो ताकि इसका कंपन पूर्ण रूप से महसूस किया जा सके।

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