जब भगवान शिव ने तोड़ दिए पूषन देव के दांत
हिंदू धर्म में पूषन देव को विशेष स्थान दिया जाता हैं। वही वेदों में पूषन देव को धर्म ग्रंथों की रक्षा करने वाले एक वैदिक देवता माना जाता हैं हिंदू शास्त्रों के मुताबिक इनको सूर्य के बारह रूपों 12 आदित्य में से एक माना जाता हैं वही कही कही पर इनको सूर्य के दूत के रूप में भी चित्रित किया जाता हैं। पूरे विश्व में ये सभी की रक्षा करने के लिए घूमते रहते हैं। खासतौर पर ये सभी का मार्ग दर्शन करते हैं। इसलिए इन्हें पथ प्रदर्शक देवता के रूप में भी जाना जाता हैं। हिंदू मान्यता हैं कि इनके दांत नहीं हैं।
वही हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक पूषन दक्ष यज्ञ में शामिल होने गए थे। मगर यज्ञ में शिव की पत्नी उमा ने अपना शरीर यज्ञ की आग में समर्पित कर दिया था। वहां इन्होंने शंकर भगवान की हंसी उड़ाई थी। तैत्तिरीयसंहिता में भी उल्लेख मिलता हैं किन इनके दांत नहीं थे पर कथा कुछ अलग हैं कहते हैं कि देवताओं द्वारा दिए गए हविर्भाग को खाने से इनके दांत टूट गए थे।
वही वेदों में मुताबिक पूषन बहुत ही तेजस्वी माना जाते हैं ऋग्वेद के आठ सूक्तों में पूषन देवता की महिमा का बखान मिलाता हैं रुद्र की तरह ही इनकी भी दाढ़ी व जटाए हैं दांत नहीं होने के कारण ये तरल रूप में ही भोजन ग्रहण करते हैं। इनके पास सोने का एक भाला और एक अंकुश रहता हैं। वही पूषन रहते तो आकाश यानी देवलोक में हैं लेकिन इनकी नजर सब पर रहती हैं। सभी प्राणियों को एक साथ देख सकते हैं।