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शिव चालीसा पाठ से दूर होंगे जीवन के संकट, लीक्ड वीडियो में जानिए इसकी महिमा और पाठ करने की सही विधि

शिव चालीसा पाठ से दूर होंगे जीवन के संकट, लीक्ड वीडियो में जानिए इसकी महिमा और पाठ करने की सही विधि

सनातन धर्म में भगवान शिव को संहार और सृजन दोनों का प्रतीक माना गया है। वे करुणामूर्ति भी हैं और रौद्र रूपधारी भी। श्रद्धालु उन्हें भोलेनाथ, महादेव, शंकर, रुद्र और कई अन्य नामों से पुकारते हैं। शिव भक्ति का एक सशक्त माध्यम है – शिव चालीसा। यह चालीसा न केवल धार्मिक आस्था को गहराई देती है, बल्कि मानसिक शांति, संकट निवारण और जीवन में स्थिरता लाने में भी सहायक मानी जाती है।


क्या है शिव चालीसा?
शिव चालीसा एक भक्तिपूर्ण स्तुति है जिसमें भगवान शिव के गुण, स्वरूप, शक्तियों और उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। इसमें कुल 40 चौपाइयां होती हैं (इसलिए इसे "चालीसा" कहा जाता है), जिनके माध्यम से भक्त भगवान शिव की महिमा का गान करता है। इसकी रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की थी, जो रामचरितमानस जैसे महान ग्रंथ के रचयिता भी हैं।

शिव चालीसा की महिमा
शिव चालीसा को नियमित रूप से पढ़ने से जीवन में आने वाली कई बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा, भक्ति और नियमपूर्वक शिव चालीसा का पाठ करता है, उसे कालसर्प दोष, ग्रह बाधा, बुरे स्वप्न, मानसिक अशांति, आर्थिक तंगी और रोगों से राहत मिलती है। यह चालीसा जीवन में धैर्य, साहस, समर्पण और आत्मिक शक्ति को भी जाग्रत करती है।शिव चालीसा का पाठ शिव भक्तों के लिए एक ऐसा कवच बन जाता है जो उन्हें बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रखता है। यही कारण है कि सावन, महाशिवरात्रि या सोमवार को विशेष रूप से इसका पाठ करना अत्यंत शुभ माना गया है।

पाठ करने की सही विधि
शिव चालीसा का पाठ करते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो इसका प्रभाव और भी अधिक शुभकारी होता है। आइए जानें इसकी सही विधि:

1. प्रातःकाल या संध्या वेला का चयन करें
सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें। शिवलिंग या भगवान शिव की तस्वीर के सामने आसन लगाकर बैठें। संध्या को भी किया गया पाठ प्रभावशाली होता है।

2. शुद्ध मन और शांत वातावरण
पाठ करते समय मन एकाग्र और शांत होना चाहिए। मोबाइल या बाहरी विकर्षण से दूर रहें। धूप-दीप जलाकर, गंगाजल छिड़ककर पूजा स्थल को पवित्र करें।

3. पंचामृत या जल अर्पण करें
शिवलिंग पर पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल) या जल अर्पित करें और बिल्वपत्र, सफेद फूल, भस्म, धतूरा, आक आदि चढ़ाएं।

4. शिव चालीसा का श्रद्धा से पाठ करें
शिव चालीसा को स्पष्ट उच्चारण और भावपूर्ण स्वर में पढ़ें। आप चाहें तो इसका श्रवण भी कर सकते हैं, लेकिन सबसे उत्तम तरीका स्वयं पाठ करना है।

5. पाठ के बाद आरती और प्रार्थना करें
चालीसा पाठ के बाद ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और शिव आरती करें। भगवान से अपने जीवन में आने वाली बाधाओं के निवारण की प्रार्थना करें।

विशेष अवसरों पर शिव चालीसा
सावन मास: भगवान शिव को प्रिय सावन के महीने में हर सोमवार शिव चालीसा का पाठ विशेष फलदायक होता है।
महाशिवरात्रि: इस दिन पाठ करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्रावण सोमवार: व्रत के साथ चालीसा का पाठ करना मनोकामनाओं को शीघ्र पूर्ण करता है।
कष्ट की घड़ी में: जब जीवन में कोई बड़ी समस्या, बाधा या निर्णय का समय हो, तब शिव चालीसा मन को शक्ति और दिशा देने में सहायक होती है।

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