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कलियुग के इस चमत्कारी मंदिर में माता के दर्शन से मिलती है चिंता से मुक्ति, वीडियो में जाने कहां पर है स्थित और अद्भुत चमत्कारों की कहानी 

कलियुग के इस चमत्कारी मंदिर में माता के दर्शन से मिलती है चिंता से मुक्ति, वीडियो में जाने कहां पर है स्थित और अद्भुत चमत्कारों की कहानी 

जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर चिंतपूर्णी माता का चमत्कारी मंदिर मौजूद है। यह मंदिर जीण माता के काजल शिखर मंदिर के अंदर स्थित है। यहां माता के दरबार तक पहुंचने के लिए 450 से अधिक सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। इस मंदिर में राजस्थान ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु आते हैं। जीण माता की तपस्या स्थली और प्राचीन धूना भी चिंतपूर्णी माता की मूर्ति के ठीक सामने स्थित है। श्रद्धालुओं की मान्यता के अनुसार इस मंदिर में चिंतपूर्णी माता की पूजा करने से श्रद्धालुओं की चिंताएं दूर होती हैं।


पहाड़ पर मौजूद है मंदिर
चिंतपूर्णी माता का यह चमत्कारी मंदिर पहाड़ पर मौजूद है। जो भी श्रद्धालु जीण माता मंदिर के दर्शन करने आते हैं, वे इस मंदिर के भी दर्शन करते हैं। साथ ही यह मंदिर खाटूश्याम जी के नजदीक भी है और जो भी श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन करने आते हैं। उनमें से अधिकतर जीण माता के दर्शन करने के बाद चिंतपूर्णी माता के दर्शन करने के लिए पहाड़ी पर भी जाते हैं।

भक्तों की चिंताएं होती हैं पूरी
मंदिर के पुजारी रजत पाराशर ने बताया कि चिंतापूर्णी माता की मूर्ति काजल शिखर पर जीण माता मंदिर परिसर में विराजमान है। अगर कोई भी भक्त चिंतापूर्णी माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करता है तो उसकी सभी चिंताएं दूर हो जाती हैं। वे बताते हैं, इस मूर्ति के बारे में मान्यता है कि इस मंदिर में आने के बाद जिन भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, वे भक्त माता के श्रृंगार के लिए वस्त्र लेकर आते हैं। भक्तों द्वारा दिए गए वस्त्रों से माता का श्रृंगार किया जाता है।

भाई-बहन का है मंदिर
आपको बता दें कि काजल शिखर पर बहन जीण और भाई हर्ष का मंदिर मौजूद है। यहीं पर जीण माता ने मां जगदंबा की तपस्या की थी। मुख्य रूप से पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर में जीण माता, बटुक भैरव और चिंतापूर्णी माता का मंदिर है। नवरात्रि के अलावा आम दिनों में भी भक्त इस मंदिर के अंदर जाते हैं और झाडूले के लिए आते हैं। इस स्थान के बारे में मान्यता है कि यदि कोई भी नवविवाहित जोड़ा इस मंदिर में आकर देवी की पूजा करता है तो देवी की विशेष कृपा उन पर बनी रहती है तथा उनका वैवाहिक जीवन सुख-शांति से बीतता है।

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