Samachar Nama
×

बुधवार को करें श्रीगणेश अष्टकम का पाठ विघ्नहर्ता स्वयं बन जाएंगे रक्षक, वीडियो में जाने कैसे बनते है धनलाभ और चौतरफा सफलता के योग ?

बुधवार को करें श्रीगणेश अष्टकम का पाठ विघ्नहर्ता स्वयं बन जाएंगे रक्षक, वीडियो में जाने कैसे बनते है धनलाभ और चौतरफा सफलता के योग ?

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, संकटमोचक और बुद्धि के देवता माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत गणपति वंदना के बिना अधूरी मानी जाती है। विशेष रूप से बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन श्रीगणेश अष्टकम का पाठ करना विशेष फलदायी होता है। मान्यता है कि जो भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक श्रीगणेश अष्टकम का पाठ करते हैं, उनके जीवन से दुखों का अंत होता है, घर में सुख-समृद्धि आती है और आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं।


श्रीगणेश अष्टकम का महत्व
श्रीगणेश अष्टकम एक अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसमें भगवान गणेश के आठ रूपों का वर्णन किया गया है। यह स्तोत्र उनकी महिमा, शक्ति, करुणा और कृपा को समर्पित है। "अष्टकम" शब्द का अर्थ होता है – आठ श्लोकों का समूह। यह स्तुति न केवल आध्यात्मिक शांति देती है, बल्कि मानसिक संतुलन, कार्यों में सफलता और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी भरती है।बुधवार को सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर, स्वच्छ वस्त्र धारण करके, शांत वातावरण में दीपक जलाकर श्रीगणेश अष्टकम का पाठ करना अत्यंत शुभ माना गया है। यह पाठ मानसिक चिंता को दूर करता है, निर्णय क्षमता को बढ़ाता है और विद्यार्थियों, व्यापारियों व नौकरीपेशा लोगों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।

नियमित पाठ के लाभ
संकटों का नाश:

जो व्यक्ति नियमित रूप से श्रीगणेश अष्टकम का पाठ करता है, उसके जीवन के संकट स्वयं गणेश जी द्वारा दूर कर दिए जाते हैं। चाहे जीवन में आर्थिक समस्या हो, कोर्ट-कचहरी का मामला हो या पारिवारिक कलह—गणेश जी की कृपा से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।

धन और समृद्धि में वृद्धि:
श्रीगणेश को ऋद्धि-सिद्धि के दाता कहा जाता है। उनका पूजन और अष्टकम का पाठ करने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। व्यवसाय में लाभ और नौकरी में तरक्की मिलने लगती है।

बुद्धि और विवेक की प्राप्ति:
गणेश जी को 'बुद्धि के देवता' भी कहा जाता है। अष्टकम का नियमित पाठ करने से मानसिक शक्ति, एकाग्रता और विवेक में वृद्धि होती है। यह विशेष रूप से विद्यार्थियों और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वालों के लिए लाभकारी है।

विवाह व संतान संबंधी बाधाएं दूर होती हैं:
जो लोग विवाह या संतान सुख में बाधा महसूस कर रहे हैं, वे बुधवार को श्रीगणेश अष्टकम का श्रद्धा से पाठ करें। भगवान गणेश उनकी कामनाओं को पूर्ण करते हैं।

नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा:
श्रीगणेश अष्टकम पाठ एक शक्तिशाली आध्यात्मिक कवच की तरह कार्य करता है। यह पाठ घर के वातावरण को पवित्र बनाता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

श्रीगणेश अष्टकम का पाठ कैसे करें?
बुधवार के दिन सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।

भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।

उन्हें दूर्वा, मोदक, शुद्ध जल और सिंदूर अर्पित करें।

इसके बाद शांत चित्त से श्रीगणेश अष्टकम का पाठ करें।

पाठ के बाद "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जप करें।

ध्यान रखें ये बातें
पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें और किसी भी प्रकार की जल्दबाज़ी न करें।

पाठ में भावनाएं और श्रद्धा सबसे महत्वपूर्ण होती हैं, इसलिए इसे मात्र रटने की बजाय भाव से पढ़ें।

अगर आप पाठ याद नहीं कर पा रहे हैं, तो उसे पुस्तक या मोबाइल स्क्रीन से देखकर भी पढ़ सकते हैं, पर मन की पवित्रता आवश्यक है।

Share this story

Tags