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हर सुबह करें श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ, विघ्नहर्ता गणेश देंगे बुद्धि, धन और विजय का आशीर्वाद

हर सुबह करें श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् का पाठ, विघ्नहर्ता गणेश देंगे बुद्धि, धन और विजय का आशीर्वाद

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, शुभारंभ के देवता और बुद्धि, समृद्धि एवं सफलता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। प्रत्येक शुभ कार्य से पहले उनकी वंदना करना अनिवार्य माना जाता है। भगवान गणेश के अनेक मंत्र, स्तोत्र और स्रोत हैं जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने वाले माने जाते हैं, लेकिन उन सभी में "श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम्" एक विशेष स्थान रखता है। इस स्तोत्र में भगवान गणेश के बारह शक्तिशाली नामों का उल्लेख है, जो हर भक्त के जीवन से संकटों को दूर करके सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं।


क्या है श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम्?
श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् एक छोटा लेकिन अत्यंत प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसमें भगवान गणेश के बारह दिव्य नामों का उच्चारण किया गया है। यह स्तोत्र न केवल आध्यात्मिक बल प्रदान करता है, बल्कि मानसिक शांति, आत्मविश्वास और जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति भी देता है। यह स्तोत्र स्कंद पुराण से लिया गया है और इसकी रचना स्वयं महर्षि वेदव्यास ने की थी।इस स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से सुबह के समय, स्नान करके, शुद्ध वातावरण में बैठकर किया जाना चाहिए। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ करने पर चमत्कारिक लाभ मिलते हैं।

श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् – पाठ
सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।
द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि॥
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते॥

इस स्तोत्र में गणेश जी के बारह नाम क्रमशः — सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्ननाशक, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र और गजानन — हैं। ये सभी नाम उनकी विभिन्न लीलाओं और गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

पाठ के लाभ
1. विघ्नों का नाश

इस स्तोत्र के नियमित पाठ से जीवन में आने वाले हर प्रकार के विघ्न, बाधाएं और संकट दूर होते हैं। चाहे कोई नया कार्य शुरू करना हो या जीवन में कोई महत्त्वपूर्ण निर्णय लेना हो, यह स्तोत्र अद्भुत सहायक होता है।

2. विद्या और बुद्धि की प्राप्ति
छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए यह स्तोत्र विशेष रूप से लाभकारी है। गणेश जी को बुद्धि का देवता माना गया है, और उनके बारह नामों का जप करने से मानसिक एकाग्रता बढ़ती है।

3. धन-वैभव और समृद्धि
जो लोग आर्थिक तंगी, कर्ज या नौकरी में अस्थिरता से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह स्तोत्र एक रामबाण उपाय है। इसका प्रभाव धीरे-धीरे सकारात्मक रूप में दिखने लगता है।

4. कार्य में सफलता और शुभ फल
यह स्तोत्र विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यवसाय शुरू करने या किसी भी शुभ काम में बाधा को समाप्त करता है। इसका पाठ करने से भगवान गणेश की कृपा सहज रूप से प्राप्त होती है।

कब और कैसे करें पाठ?
रोजाना सुबह स्नान के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाकर स्तोत्र का पाठ करें।
पाठ के दौरान भगवान को दूर्वा, मोदक और सिंदूर अर्पित करें।
यदि संभव हो तो बुधवार को विशेष रूप से इस स्तोत्र का 11 बार पाठ करें।

वैज्ञानिक और मानसिक प्रभाव
आध्यात्मिक प्रभावों के अलावा, श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् का जप मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर डालता है। इससे आत्मबल में वृद्धि होती है, मन शांत रहता है और तनाव कम होता है। यह हमारे अवचेतन मन को स्थिरता और सकारात्मक दिशा में प्रेरित करता है।

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