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हर रोग, डर और दोष से छुटकारे के लिए इतनी बार करे Hanuman Chalisa का पाठ, वायरल वीडियो में जानें सटीक समय और विधि

हर रोग, डर और दोष से छुटकारे के लिए इतनी बार करे Hanuman Chalisa का पाठ, वायरल वीडियो में जानें सटीक समय और विधि

हिंदू देवी-देवताओं में पवनपुत्र और भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान का महत्वपूर्ण स्थान है। मान्यता है कि अगर सच्चे मन से बजरंगबली की पूजा की जाए तो मनुष्य को सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल सकती है। अंजनीपुत्र हनुमान को प्रसन्न करने के लिए 'हनुमान चालीसा' का पाठ करना चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं और रोग-संकट से भी मुक्ति मिलती है। लेकिन अगर आपको हनुमान चालीसा का पाठ करने का सही तरीका और नियम नहीं पता है तो आपको इसका सही फल नहीं मिल पाएगा। यहां हम आपको बताने जा रहे हैं कि आपको कितनी बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए और इसके नियम क्या हैं।


हनुमान चालीसा का कितनी बार पाठ करना चाहिए?

इस सवाल का जवाब हनुमान चालीसा की एक पंक्ति में ही दिया गया है। जिसमें लिखा है, 'जो शत बार पाठ कर कोई। छूटी बंदी महा सुख होई', जिसका हिंदी में मतलब है कि जो कोई सौ बार हनुमान चालीसा का पाठ करता है, वह बंधनों से मुक्त हो जाता है और सुख प्राप्त करता है।' शास्त्रों के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ 100 बार करना चाहिए, लेकिन अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कम से कम 7, 11 या 21 बार इसका पाठ करें। जैसे कि गर्म तवे पर जितना पानी डालेंगे, तवा उतनी ही जल्दी ठंडा होगा, यानी आप जितना भगवान की पूजा करेंगे, आपको उतना ही फल मिलेगा।

हनुमान चालीसा का पाठ करने की विधि

बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले अपनी दिनचर्या से निवृत्त होकर स्नान कर लें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। हनुमान चालीसा का पाठ जमीन पर आसन पर बैठकर करना चाहिए। बिना आसन के पूजा करना अशुभ माना जाता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करें और भगवान श्री राम की पूजा करें। इसके बाद आप हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ करने का सही समय

भगवान श्री राम के परम भक्त अंजनीपुत्र हनुमान को प्रसन्न करने के लिए आप सुबह या शाम को हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। ध्यान रखें कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले आपको स्नान कर लेना चाहिए। साथ ही अगर आप शाम को इसका पाठ कर रहे हैं तो अपने हाथ-पैर अच्छी तरह धोकर साफ कपड़े पहनें और फिर इसका पाठ करने बैठें।

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