Ayodhya Ram Mandir रामानंदीय परिपाटी क्या है? जिससे होती आ रही रामलला की पूजा
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: राम नगरी अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन 22 जनवरी को किया जाएगा। इससे पहले ही 17 जनवरी को धार्मिक पूजन का कार्यक्रम आरंभ हो जाएगा। इस दौरान भगवान राम के प्रतिष्ठा से पहले कई धार्मिक पूजन किए जाएंगे।
जब से रामलला यहां पर विराजमान हुए है तब से अब तक भगवान का पूजन रामानंदीय परंपरा के अनुसार किया जा रहा है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इसी परंपरा के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं क्या है यह परंपरा।
जानें क्या है रामानंदीय परंपरा—
धार्मिक जानकारों के अनुसार रामानंदीय परंपरा में भगवान राम के बाल स्वरूप की आराधना व पूजा की जाती है उनकी देखभाल इस तरह होती है जैसे किसी छोटे बालक की कि जाती है। इस दौरान प्रभु को स्नान कराया जाता है उन्हें मनमोहक वस्त्र धारण कराए जाते हैं इसके बाद रामलला की विधिवत पूजा होती है उन्हें भोग लगाया जाता है रामलला का भोग भी उनकी पसंद का ही होता है।
रामानंदीय परंपरा में हर दिन भगवान को अलग रंग रूप के वस्त्र पहनाएं जाते हैं इस दौरान भगवान के लिए जो भी भोजन तैयार किया जाता है वह प्रभु राम के बाल रूप के पसंद का होता है। इस परंपरा के अनुसार भगवान का ध्यान एक पांच साल के शिशु के समान किया जाता है। इसमें भगवान को सुबह जगाने के साथ ही दोपहर के समय आराम की व्यवस्था की जाती है। इस परंपरा में मंत्रोच्चार का भी विशेष ध्यान रखा जाता है।