किसी सिद्ध-पीठ से कम नहीं है श्री गणेश का सिद्धिविनायक मंदिर, जानिए इसकी महिमा
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में पवित्र स्थानों में भगवान की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं भारत में कई तीर्थ स्थल और धार्मिक मंदिर हैं मगर मुंबई के प्रभादेवी में स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर देश में स्थित सबसे पूजनीय मंदिरों में से एक हैं यह मंदिर भगवान श्री गणेश को समर्पित हैं।

मुंबई स्थित सिद्धिविनायक मंदिर का निर्माण 1801 में विट्ठु और देउबाई पाटिल ने किया था। इस मंदिर में गणपति का दर्शन करने सभी धर्म और जाति के लोग आते हैं, तो आज हम आपको श्री गणेश का सिद्धिविनायक मंदिर के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

इस मंदिर के अंदर एक छोटे मंडप में भगवान गणेश सिद्धिविनायक रूप की प्रतिमा प्रतिष्ठापित की गई हैं सूक्ष्म शिल्पाकारी से परिपूर्ण गर्भगृह के लकड़ी के दरवाजों पर अष्टविनायक को प्रतिबिंबित किया गया हैं जबकि अंदर की छतें सोने की परत से सुसज्जित हैं। गर्भ गृह में भगवान गणेश की प्रतिमा अवस्थित हैं उनके ऊपरी दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक भरा कटोरा हैं गणपति के दोनों ओर उनकी दोनों पत्नियां रिद्धि और सिद्धि मौजूद हैं।

जो धन, ऐश्वर्य, सफलता और सभी मनोकामनाओं को पूरा करने का प्रतीक हैं मस्तक पर अपने पिता शिव के समान एक तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार के स्थान पर लिपटा है सिद्धिविनायक का विग्रह ढाई फीट ऊंचा होता हैं और यह दो फीट चौड़ेे एक ही काले शिलाखंड से बना होता हैं।

सिद्धिविनायक गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है गणेश जी के जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं ओर मुड़ी होती है वो सिद्धिपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्धिविनायक मंदिर कहलाते हैं सिद्धि विनायक की महिमा अपरंपार है वे भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं मान्यता है कि ऐसे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी कुपित भी होते हैं।


