ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म शास्त्रों देवी मां की महिमा और गुणगान मिलता है उनकी लीा अपरंपार है सभी भक्तों पर देवी की दया और कृपा एक समान बनी रहती है शास्त्रों में निहित है कि जब कभी भक्तों पर कोई मुसीबत आती है तो मां अपने भक्तों को संकटों से उबारती हैं

नवरात्रि के दिनों में मां की विशेष आराधना की जाती हैं मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां के दरबार में हाजिरी लगाता है उसकी मनोकामना पूरी हो जाती हैं देश में दर्जनों शक्तिपीठ हैं इन शक्तिपीठों में माता की पूजा की जाती हैं इनमें एक शक्तिपीठ नैना देवी है इस शक्तिपीठ के बारे में मान्यता है कि आदिशक्ति मां सती के नेत्र गिरे थे। तो आज हम आपको इसी शक्तिपीठ मंदिर के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

जानिए नैना देवी मंदिर के बारे में—
आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं यह देव स्थल भी हैं हिमाचल प्रदेश स्थित बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदि अवस्थित है समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 11 सौ मीटर है यह मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग 21 से जुड़ा हैं वही श्रद्धालु आसानी से सड़क मार्ग के द्वारा नैना देवी मंदिर पहुंच सकते हैं साथ ही मंदिर परिसर तक पहुंचने के लिए लक्ष्मण झूले की भी व्यवस्था हैं

मंदिर परिसर में पीपल का पेड़ हैं इस पेड़ के बारे में कहा जाता है कि इसकी आयु कई शताब्दी हैं नैना देवी मंदिर के गर्भ गृह में मां नैना, मां काली और भगवान श्री गणेश की प्रतिमाएं स्थापित हैं वहीं मुख द्वार पर पवनपुत्र हनुमान जी की भी प्रतिमा अवस्थित हैं। कुछ दूर आगे माता की सवारी सिंह की दो प्रतिमाएं हैं मंदिर परिसर में एक पवित्र जलाशय भी है साथ ही नैना देवी गुफा भी हैं।


