जानिए बद्रीनाथ धाम से जुड़ी इस कथा के बारे में
जयपुर। आज हम इस लेख में बद्रीनाथ धाम की कुछ विशेष बातों के बारे में बता रहे हैं। बद्रीनाथ धाम के लिए शास्त्रों में एक कथा प्रचलित है। आज हम इस लेख में हम आपको उस कथा के बारे मे बता रहें हैं। बद्रीनाथ धाम में पहले भगवान शिव निवास किया जाता था, लेकिन बाद में भगवान विष्णु इस जगह पर रहने लगे। ऐसा किस कारण से हुआ हम इस बारे में बता रहें हैं।
भगवान शिव और भगवान विष्णु न केवल एक दूसरे को बहुत मानते थे बल्कि दोनों एक दूसरे के आराध्य भी थे। लेकिन भगवान विष्णु के कारण भगवान शिव ने इस स्थान को छोड़ा। हिंदू धर्म की पौराणिक कथा के अनुसार, बद्रीनाथ धाम में भगवान शिव अपने परिवार सहित निवास करते थे।
एक बार विष्णुजी एकांत स्थान की खोज कर रहे थे जहां उनका ध्यान भंग न हो। ऐसे में उन्हें बद्रीनाथ धाम पसंद आई। लेकिन यहां पर पहले से ही शिवजी निवास करते थे। भगवान विष्णु ने ऐसे में एक तरकीब लगाई। एक छोटे बच्चे का भेष बनाकर वो रोने-रोने लगे जिसे सुनकर मां पार्वती बाहर आईं और बच्चे को चुप कराने की कोशिश की।
मां पार्वती बच्चे को लेकर घर के भीतर जाने लगीं तो भोले शंकर को भगवान विष्णु की लीला को समझने में देर न लगी। तब उन्होंने माता पार्वती को मना किया लेकिन वे नहीं मानीं और बच्चे को घर के भीतर लेकर आ गई, इसके बाद मां पार्वती बच्चे को थपकी देकर सुला दिया।
बच्चे के सोने के बाद माता पार्वती घर से बाहर गई, इसके बाद बच्चे के भेष में लीला रचा रहे श्री हरि ने दरवाजे को अन्दर से बंद कर लिया जब भगवान शिव वापस आए तो बोले कि मुझे ध्यान के लिए ये जगह बहुत पसंद आ गई है। आप कृपा करके परिवार सहित केदारनाथ धाम प्रस्थान करिए। मैं भविष्य में अपने भक्तों को यहीं दर्शन दूंगा। तभी से बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु का लीलास्थल बना जबकि केदारनाथ भगवान शिव की भूमि बना।