Samachar Nama
×

700 साल पुराने इस शनि मंदिर में 2 पत्नियों के साथ विराजमान है शनिदेव 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित है वही शनिवार का दिन शनि महाराज की पूजा के लिए उत्तम माना गया है इस दिन भक्त शनि देव की विधिवत पूजा करते हैं और प्रभु के दर्शन के लिए मंदिर भी जाते हैं।

देशभर में शनि मंदिरों की कमी नहीं है लेकिन हम आपको तमिलनाडु में स्थित अक्षयपुरीश्वर मंदिर के बारे में बता रहे हैं जो बेहद ही खास है। इस मंदिर में दूर दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं इस मंदिर से शनिदेव से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं प्रचलित हैं, जो इस मंदिर को और भी खास बना देती हैं। अक्षयपुरीश्वर मंदिर में शनिदेव अपनी पत्नियों के साथ पूजे जाते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा अक्षयपुरीश्वर मंदिर से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

अक्षयपुरीश्वर मंदिर तमिलनाडु—
शनिदेव का यह मंदिर तमिलनाडु के तंजावूर जिले के विलनकुलम स्थान पर है। यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है जहां शनिदेव की पूजा उनकी पत्नियों के साथ की जाती है। पुराणों के अनुसार शनि देव की दो पत्नियां है जिनके नाम मंदा और ज्येष्ठा हैं। मान्यता है कि साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान लोग अगर इस मंदिर में आकर शनिदेव के दर्शन व पूजन करते हैं तो इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है।

famous shani temple tamil nadu akshayapurishwar temple 

शनि का यह मंदिर 700 साल पुराना बताया जा रहा है। इतिहासकारों के अनुसार इस शनि मंदिर को चोल राजा पराक्र पंड्यान ने बनवाया था। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां सूर्य का प्रकाश ठीक से नहीं पहुंच पाता है। 

famous shani temple tamil nadu akshayapurishwar temple 

Share this story