ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: भगवान भोलेनाथ के भक्तों को महाशिवरात्रि पर्व का पूरे साल इंतजार रहता है इस दिन सभी शिव मंदिरों में सुबह तड़के से लेकर देर रात तक पूजन पाठ और अभिषेक का सिलसिला चलता रहता है देश के कई खास मंदिरों में तो इस उत्सव की धूम देखने लायक होती है

इसे देखने के लिए और शिव के दर्शन करने के लिए दूर दूर से लोग यहां पहुंचते हैं इन्हीं में से एक है उज्जैन का महाकाल मंदिर। शिव पार्वती के विवाह का पर्व महाशिवरात्रि यहां बेहद धूमधाम से मनाया जाता है महाशिवरात्रि से पहले ही यहां यह उत्सव आरंभ हो जाता हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि से नौ दिन पहले ही उत्सव शुरू हो जाता है यहां नौ दिन की शिवनवरात्रि मनाई जाती है इस साल 1 मार्च को पड़ने वाली महाशिवरात्रि से पहले 21 फरवरी से ही शिवनवरात्रि का पर्व आरंभ हो गया हैं। इन नौ दिनों को मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि की तरह ही मनाया जाता है

कमाल की बात यह है कि इस अनूठी शिवनवरात्रि का आयोजन पूरे देश में केवल उज्जैन में ही होता हैं। नौ दिनों की शिवनवरात्रि के दौरान महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आम भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाता है केवल मंदिर के पुजारी ही पूजन करते हैं नौ दिनों के दौरान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को अलग अलग नौ रूपों में सजाया जाता हैं।

शिवनवरात्रि के दौरान किए जाने वाले विशेष श्रृंगार का सिलसिला यहीं समाप्त नहीं होता है बल्कि 10वें दिन यानी कि महाशिवरात्रि के दिन शिव पार्वती विवाह समारोह की परंपरा निभाने के बाद भगवान का अतिमोहक श्री सेहरा श्रृंगार किया जाता है जिसमें सवामन पुष्पों से सेहरा बनाकर भगवान को पहनाया जाता है साल में केवल इसी दिन भस्म आरती ब्रह्ममुहूर्त में ना होकर विशेष मुहूर्त में दोपहर के समय की जाती हैं।


