16 या 17 अक्टूबर किस दिन रहेगी शरद पूर्णिमा, सिर्फ 1 मिनिट का वीडियो देख दूर करें सारा कन्फ्यूजन
हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा का पर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है. हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा की रात बहुत खास मानी जाती है, क्योंकि इस रात चांद पूरी तरह से चमकता है यानी कि चांद 16 कलाओं से पूर्ण रहता है. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है. इस बार शरद पूर्णिमा 2 दिन रहेगी, जिसके चलते लोगों के मन में ये कन्फ्यूजन है कि खीर कब बनाएं और व्रत कब करें। तो आईये ज्योतिषाचार्य से दूर करें अपना कन्फ्यूजन…
कब से कब कब रहेगी पूर्णिमा तिथि?
पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर, बुधवार की रात 08 बजकर 40 मिनिट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 17 अक्टूबर, गुरुवार की शाम 04 बजकर 56 मिनिट तक रहेगी। इस तरह ये तिथि 2 दिन तक रहेगी। इसी वजह से लोगों के मन में भ्रम की स्थिति बन रही है।
कब बनाएं खीर और करें देवी लक्ष्मी की पूजा?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर, बुधवार की रात लगभग 08 बजकर 40 मिनिट से शुरू होगी, जो पूरी रात रहेगी। मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा तिथि की रात को ही चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है और इसी रात को देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती है। ये स्थिति 16 अक्टूबर, बुधवार को बन रही है। इसलिए 16 अक्टूबर को ही खीर बनाकर खाने का महत्व रहेगा और रात में देवी लक्ष्मी की पूजा भी की जाएगी।
कब करें व्रत और स्नान दान?
17 अक्टूबर, गुरुवार को आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि शाम 04 बजकर 56 मिनिट तक रहेगी। यानी सूर्योदय भी इसी तिथि में होगा। इसलिए इस दिन शरद पूर्णिमा का स्नान-दान करने का महत्व रहेगा और व्रत भी इसी दिन किया जाएगा। वाल्मीकि जयंती का पर्व भी इसी दिन मनाया जाएगा। सत्यनारायण भगवान का व्रत भी इस दिन किया जाएगा।