काल के भय से मुक्ति के लिए आज करें महाकाल को प्रसन्न इस आरती से
जयपुर। भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से शिव की कृपा मिलती है। जिस पर शिव अपनी कृपा बनाते हैं उसे कभी भी काल का भय नहीं रहता। इसलिए शास्त्रों में भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए सोमवार का दिन विशेष माना जाता है। आज इनकी आराधना करने से जीवन की हर समस्या का अंत होता है। हम इस लेख में शिव आराधना को भक्तिमय बनाने के लिए शिव जी की विशेष आरती बता रहे हैं जिसका पाठ आज करना शुभ रहेगा।
भगवान शिव को कई नाम से पुकारता है। माना जाता है कि भगवान शिव भक्त की भक्ति मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव की आराधना के लिए निम्न आरती का पाठ करना चाहिए।
भगवान शिव की आरती
ऊँ जय शिव ओंकारा स्वामी हर शिव ओंकारा।
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांर्गी धारा।।
ऊँ जय शिव ओंकारा……
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे।
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे।।
ऊँ जय शिव ओंकारा……
दो भुज चार चतुर्भज दस भुज अति सोहे।
तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहे।।
ऊँ जय शिव ओंकारा……
अक्षमाला, बनमाला, रुंडमालाधारी।
चंदन मृदमग सोहे, भोले शशिधारी।।
ऊँ जय शिव ओंकारा……
श्वेताम्बर, पीताम्बर, बाघाम्बर अंगे।
सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगे।
ऊँ जय शिव ओंकारा……
कर के मध्य कमंडल चक्र, त्रिशूल धरता।
जगकरता, जगभरता, जगसंहारकरता ।।
ऊँ जय शिव ओंकारा……
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रवणाक्षर मध्ये ये तीनों एका।।
ऊँ जय शिव ओंकारा……
काशी में विश्वनाथ विराजत नंदी ब्रह्मचारी
नित उठ भोग लगावत महिमा अति भारी।।
ऊँ जय शिव ओंकारा……
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे।।
ऊँ जय शिव ओंकारा…..
जय शिव ओंकारा, स्वामी हर शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, अद्धांर्गी धारा।
ऊँ जय शिव ओंकारा……