जानिए क्यों सावन में शनिदेव की उपासना मानी जाती है विशेष फलदायी, क्या है शिव और शनि के बीच का आध्यात्मिक संबंध?
सावन का महीना जल तत्व का महीना होता है और इसमें वायु तत्व की कमी होती है। इस कारण मन, पाचन तंत्र और तंत्रिका तंत्र की समस्याएँ व्यक्ति को लगातार परेशान करती रहती हैं। वायु तत्व और उसके स्वामी शनि को मजबूत करके हम स्वास्थ्य और मन की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। इसके लिए कुछ मंत्रों के जाप के साथ-साथ कुछ सावधानियां भी बरतनी होती हैं। सावन के महीने में शनिदेव की पूजा सबसे अधिक लाभकारी होती है।
सावन के शनिवार की क्या खास बातें हैं?
- आमतौर पर सावन में सभी प्रकार की ऊर्जा का अभाव होता है।
- इस समय आम आदमी को स्वास्थ्य और धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- सावन के प्रत्येक शनिवार की पूजा करने से व्यक्ति को अपार धन और संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है।
- सावन के प्रत्येक शनिवार को संपत शनिवार भी कहा जाता है।
- यदि केवल सावन में ही शनि की पूजा की जाए, तो पूरे वर्ष शनि की पूजा करने की आवश्यकता नहीं होती।
- इस बार सावन के शनिवार को शनि अपनी सबसे मजबूत राशि में होंगे।
- इसलिए इस बार पूजा और भी फलदायी होगी।
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सावन के शनिवार को सामान्य पूजा कैसे करें?
- शाम को पीपल के पेड़ के पास जाएँ।
- वहाँ सरसों के तेल का एक बड़ा दीपक जलाएँ।
- सबसे पहले भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें।
- फिर शनिदेव के मंत्रों का जाप करें।
- इसके बाद किसी गरीब को भोजन कराएँ या उसे खाने के लिए पैसे दें।
- भगवान शिव और शनिदेव से आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
सावन के शनिवार को रोज़गार के लिए क्या करें?
- शनिवार की शाम को शनिदेव के मंत्रों का जाप करें।
- पीपल के पेड़ की तीन परिक्रमा करें और उसके तने पर काला धागा लपेटें।
- पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
- इसके बाद रोज़गार संबंधी समस्याओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।
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सावन के शनिवार को धन प्राप्ति के लिए क्या उपाय करें?
- शनिवार की शाम को नीम की लकड़ी पर काले तिल से हवन करें।
- कुल 108 बार आहुति दें।
- मंत्र होगा "ॐ शं शनैश्चराय स्वाहा"
- हवन के बाद काली वस्तुओं का दान करें।
- धन लाभ होगा।
यदि शनि के कारण कोई काम अटका हुआ है या लंबे समय से अटका हुआ है, तो क्या उपाय करें?
- शनिवार की शाम को एक स्टील का कटोरा लें।
- इसमें सरसों का तेल भरें।
- तेल भरने के बाद, अपनी मध्यमा उंगली उसमें डालकर शनि मंत्र का जाप करें।
- मंत्र होगा - "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः"
- मंत्र जाप के बाद कटोरे सहित तेल दान कर दें।

