शास्त्रों में बताई नारियल की इन विशेष बातों को नहीं जानते होंगे आप, यहां जाने इन खास बातों को
जयपुर। हिन्दू धर्म में किसी भी मांगलिक काम में या फिर पूजा पाठ में नारियल जरुर रखा जाता है। नारियल के बगैर कोई भी मांगलिक काम शुभ नहीं माना जाता है। फिर चाहे पूजा हो या नए घर का गृह प्रवेश, नई गाड़ी हो या नया बिज़नेस सभी का शुभारंभ नारियल फोड़कर ही किया जाता है।
नारियल को हिन्दू धर्म में शुभ और मंगलकारी माना गया है। जिस कारण से पूजा-पाठ और मंगल काम में इसका उपयोग किया जाता है।हिंदू धर्म में नारियल को सौभाग्य और समृद्धि की निशानी माना गया है। इसके साथ ही नारियल सभी भगवानों को चढाया जाता है। नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए भी नारियल का ही प्रयोग किया जाता है। नारियल को भगवान जी को अर्पित करने के बाद प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
आज हम इस लेख में इस बारे मे बता रहे हैं कि किसी भी शुभ काम की शुरुआत में आखिर क्यों सबसे पहले नारियल को फोड़ा जाता है। नारियल के लिए शास्त्रों में माना गया है कि ऋषि विश्वामित्र इसके निर्माता हैं। इसकी ऊपरी सख्त सतह इस बात को दर्शाती है कि किसी भी काम में सफलता हासिल करने के लिए मेहनत जरुरी है। इसके अंदर की सतह नर्म होती है उसके बाद नारियल में पानी होता है जो पवित्र माना जाता है। इस पानी में किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं होती है।
इसके साथ ही नारियल भगवान गणेश का पसंदीदा फल है। इसलिए नये घर में प्रवेश के पहले या नई गाड़ी लेने पर नारियल फोड़ा जाता है। इसके बाद इसका पवित्र पानी चारों तरफ फैलया जाता है जिससे नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।सनारियल तोड़ने का मतलब है अपने अहम को अहंकार को तोड़ना है। इसके साथ ही नारियल तोड़ते हैं तो इसका मतलब है कि आपने को ब्रह्मांड में सम्मिलित करना। नारियल में मौजूद तीन चिन्ह, भगवान शिव की आंखें मानी जाती है। इसलिए कहा जाता है कि यह आपकी हर मनोकामनाएं पूरी करता है।