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वीडियो में जानिए वो तीन स्थान जिनकी यात्रा के बिना अधूरी श्याम दरबार की यात्रा, जानिए उनका धार्मिक महत्व

वीडियो में जानिए वो तीन स्थान जिनकी यात्रा के बिना अधूरी श्याम दरबार की यात्रा, जानिए उनका धार्मिक महत्व

कहते हैं कि खाटू श्याम मंदिर में जाकर बाबा का आशीर्वाद लेने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जाए बिना खाटू श्याम जी के दर्शन अधूरे माने जाते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।


श्याम कुंड की मान्यता

खाटू श्याम मंदिर से करीब 1 किलोमीटर दूर श्याम कुंड है, जिसमें स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस कुंड के बारे में मान्यता है कि इसी स्थान पर बर्बरीक ने भगवान कृष्ण को अपना शीश दान किया था, जिसके कारण उन्हें शीश का दानी कहा गया। मान्यता है कि इस कुंड का पानी कभी खत्म नहीं होता और इसका संबंध पाताल से है। ऐसे में जो भी भक्त खाटू श्याम जी के दर्शन करने आता है, वह पवित्र कुंड में स्नान जरूर करता है। साथ ही इस श्याम कुंड में स्नान करने के बाद मन्नत का धागा और नारियल बांधने की परंपरा भी है।

होती हैं मनोकामनाएं
खाटू श्याम मंदिर जाते समय रास्ते में रींगस भी आता है, जो खाटू श्याम मंदिर से करीब 17 किलोमीटर दूर है। कई बार लोग यहां से निशान लेकर पैदल यात्रा कर मंदिर तक जाते हैं। मान्यता है कि रींगस से निशान उठाकर पैदल मंदिर तक जाने और फिर मंदिर में निशान चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही खाटू श्याम जी की यात्रा करते समय रास्ते में तोरण द्वार भी पड़ता है, जो आजकल सुरक्षा बिंदु बन गया है।

खाटू श्याम जी के सबसे बड़े भक्त
खाटू श्याम मंदिर के पास ही श्याम बगीची मौजूद है। इस स्थान पर महंत आलू सिंह महाराज जी की समाधि है, जिन्हें खाटू श्याम बाबा का सबसे बड़ा भक्त माना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने ही बाबा की महिमा को दूर-दूर तक फैलाया था। इस बगीची के गुलाबों से बाबा खाटू श्याम का श्रृंगार किया जाता है। ऐसे में खाटू श्याम मंदिर के दर्शन करने के बाद आपको इस स्थान पर भी जरूर जाना चाहिए।
 

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