चातुर्मास में भगवान विष्णु योगनिद्रा में क्या महादेव करते है संसार का संचालन ? यहां जानिए हर सवाल का जवाब
भारतीय धर्म और पौराणिक कथाओं में भगवान विष्णु का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनका एक विश्राम काल होता है, जिसे योग निद्रा कहते हैं। भगवान विष्णु चार महीने तक योग निद्रा में रहते हैं। जिसे चातुर्मास भी कहते हैं। इस दौरान देशभर में सभी प्रकार के शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। वहीं, चातुर्मास के दौरान सृष्टि की देखभाल कौन करता है, यह हमेशा से जिज्ञासा का विषय रहा है। आइए जानते हैं देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य ने इस विषय पर क्या कहा है।ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से कार्तिक एकादशी तक वर्ष में चार महीने योग निद्रा में रहते हैं। इसे 'चातुर्मास' कहते हैं। यह काल आषाढ़ शुक्ल एकादशी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी को समाप्त होता है।
चातुर्मास का क्या महत्व है
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल के अनुसार, चातुर्मास का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत बड़ा है। चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु वामन अवतार के रूप में पाताल लोक में निवास करते हैं।
भगवान विष्णु चार महीने पाताल लोक में क्यों रहते हैं?
एक बार भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर राजा बलि की परीक्षा लेने पृथ्वी लोक आए। उन्होंने राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी। भगवान ने दो पग में आकाश और पृथ्वी नाप ली। राजा बलि ने तीसरा पग अपने सिर पर रखने को कहा, तब भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न हुए और राजा बलि की भक्ति और उदारता देखकर उनसे वरदान मांगने को कहा। राजा बलि ने भगवान से प्रार्थना की कि आप हमारे साथ पाताल लोक में रहें और भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के साथ रहने लगे। तब माता लक्ष्मी ने राजा बलि को अपना भाई मानकर उन्हें राखी बांधी और भगवान विष्णु को मुक्त करने की प्रार्थना की। भगवान विष्णु किसी भी भक्त को निराश नहीं करते, इसलिए भगवान विष्णु ने कहा कि वे हरिशयनी एकादशी से कार्तिक एकादशी तक 4 महीने पाताल लोक में रहेंगे।
सारी ज़िम्मेदारी भगवान शिव पर होती है
भगवान विष्णु के योग निद्रा में होने का अर्थ है कि इस दौरान सृष्टि के संचालन का दायित्व भगवान शिव के परिवार पर होता है। पंडित नंद किशोर मुद्गल ने बताया कि भगवान शिव के परिवार, भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय इस अवधि में विशेष रूप से सक्रिय रहते हैं और सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से ब्रह्मांड की रक्षा करते हैं।
ब्रह्मांड का संचालन कौन करता है?
भगवान विष्णु सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक के 4 महीने योग निद्रा में रहते हैं। जब भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं, तो ब्रह्मांड का संचालन भगवान शिव के परिवार द्वारा किया जाता है।
1. भगवान शिव: ब्रह्मांड के संहारक होने के कारण, शिव इस अवधि में विशेष रूप से सक्रिय रहते हैं। वे नकारात्मक शक्तियों का नाश करते हैं और संतुलन बनाए रखते हैं। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इसलिए, भगवान शिव सावन के महीने का संचालन करते हैं।
2. भाद्रपद मास भगवान गणेश को समर्पित है। इस मास के स्वामी भगवान गणेश हैं। इस मास में भगवान गणेश की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
3. माँ पार्वती: चातुर्मास के तीसरे माह अर्थात आश्विन मास में माँ दुर्गा, माँ पार्वती के रूप में विशेष रूप से सक्रिय रहती हैं और भक्तों की रक्षा करती हैं। भगवान विष्णु की अनुपस्थिति में वे ऊर्जा और शक्ति का संचार करती हैं। इसी माह में नवरात्रि जैसे पर्व मनाए जाते हैं।
4. चातुर्मास का चौथा माह: कार्तिक मास भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। अतः चातुर्मास के चार महीनों में भगवान शंकर का परिवार संपूर्ण ब्रह्मांड का संचालन करता है।

