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अगर आप भी कर्ज से हैं परेशान तो हर बुधवार पूरे विधि-विधान से करे श्री गणेशाष्टकम् का पाठ, जल्द मिलेगी ऋणों से मुक्ति 

अगर आप भी कर्ज से हैं परेशान तो हर बुधवार पूरे विधि-विधान से करे श्री गणेशाष्टकम् का पाठ, जल्द मिलेगी ऋणों से मुक्ति 

भारतीय सनातन परंपरा में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धिदाता और ऋद्धि-सिद्धि के दाता के रूप में पूजा जाता है। श्री गणेश अष्टकम एक ऐसा दिव्य स्तोत्र है, जो न केवल मन की शांति प्रदान करता है, बल्कि जीवन में आ रहे आर्थिक संकटों से छुटकारा पाने में भी सहायक होता है। विशेष रूप से बुधवार के दिन इस स्तोत्र का पाठ करने से कर्ज, तनाव और धन संबंधी समस्याओं से शीघ्र मुक्ति मिलती है।


श्री गणेश अष्टकम का महत्व
श्री गणेश अष्टकम, आठ श्लोकों का एक शक्तिशाली स्तोत्र है, जिसकी रचना आदि शंकराचार्य द्वारा मानी जाती है। यह स्तोत्र भगवान गणेश की महिमा का गान करता है और उनके विभिन्न रूपों का वर्णन करता है। इसका नियमित पाठ व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और कष्टों को दूर करने में सहायक होता है।हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले गणपति की आराधना अनिवार्य होती है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कर्ज के बोझ से दबा हुआ है या उसे व्यापार या नौकरी में लगातार धन की कमी महसूस हो रही है, तो श्री गणेश अष्टकम का श्रद्धा पूर्वक पाठ करने से उसे लाभ प्राप्त हो सकता है।

क्यों करें बुधवार को पाठ?
बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है। इस दिन बुद्ध ग्रह का प्रभाव भी अधिक रहता है, जो वाणी, व्यापार, विवेक और बौद्धिक क्षमताओं का प्रतीक होता है। गणेश जी को बुद्धि और चातुर्य का देवता माना जाता है और बुधवार को उनकी विशेष पूजा करने से विवेक और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है। यही कारण है कि अगर श्री गणेश अष्टकम का पाठ बुधवार के दिन किया जाए तो इसका फल दोगुना बढ़ जाता है।

पाठ की विधि
प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
उन्हें दूर्वा, मोदक और पीले फूल अर्पित करें।
फिर पूरे ध्यान और श्रद्धा के साथ श्री गणेश अष्टकम का पाठ करें।
पाठ के बाद गणपति जी की आरती अवश्य करें और कर्ज मुक्ति की प्रार्थना करें।
यह पाठ आप संस्कृत में या हिंदी अनुवाद में कर सकते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है श्रद्धा और नियमितता।

श्री गणेश अष्टकम के पाठ से क्या लाभ मिलते हैं?
कर्ज से मुक्ति: यह स्तोत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और आर्थिक संकटों से उबारने में सहायक होता है। कई ज्योतिषाचार्य भी मानते हैं कि इसका नियमित पाठ करने से ऋण से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।बुद्धि और विवेक में वृद्धि: छात्रों, व्यापारी वर्ग और नौकरीपेशा लोगों के लिए यह पाठ अत्यंत लाभकारी होता है। यह मानसिक एकाग्रता बढ़ाने के साथ निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रबल करता है।
विघ्नों का नाश: जीवन में बार-बार आने वाली बाधाओं को समाप्त करने के लिए श्री गणेश अष्टकम अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।
आत्मिक शांति: इसका नियमित जप मानसिक तनाव को दूर करता है और व्यक्ति को मानसिक रूप से सशक्त बनाता है।

ज्योतिष शास्त्र में भी श्री गणेश अष्टकम की मान्यता
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर हो या अशुभ फल दे रहा हो, तो बुधवार को श्री गणेश अष्टकम का पाठ करना विशेष लाभकारी होता है। यह न केवल बुध दोष को शांत करता है बल्कि शनि, राहु और केतु जैसे अन्य ग्रहों के दुष्प्रभावों को भी कम करता है।विशेष रूप से जिन लोगों को व्यापार में घाटा हो रहा हो या जिनकी आय से अधिक खर्च हो रहा हो, उनके लिए यह पाठ वरदान सिद्ध हो सकता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर आर्थिक प्रवाह को सकारात्मक बनाता है।

कर्ज से मुक्ति के लिए अतिरिक्त उपाय
अगर आप श्री गणेश अष्टकम का पाठ कर रहे हैं और साथ ही कुछ सरल उपायों को अपनाते हैं, तो इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। जैसे:
बुधवार के दिन 7 प्रकार के अनाज हरे कपड़े में बांधकर गरीबों को दान करें।
गणेश जी को 21 दूर्वा अर्पित करें और "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जप करें।
हरे रंग के वस्त्र पहनें और हरे रंग की वस्तुएं जैसे मूंग या पान का दान करें।

श्री गणेश अष्टकम केवल एक स्तोत्र नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली साधना है, जो श्रद्धा और नियम से की जाए तो असंभव को संभव बना सकती है। विशेषकर बुधवार के दिन इसका पाठ व्यक्ति को ऋण, बाधाओं और मानसिक कष्टों से मुक्त करने में सक्षम होता है। अगर आपके जीवन में धन संबंधित समस्याएं हैं या आप कर्ज से परेशान हैं, तो आज से ही इस स्तोत्र का पाठ शुरू करें। गणपति बाप्पा की कृपा से शीघ्र ही आपके जीवन में स्थिरता, समृद्धि और सुख-शांति का आगमन होगा।

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