सावन के पहले बुधवार पर कैसे करें गणेश जी की पूजा? वीडियो में जानिए संपूर्ण विधि, नियम और इसके चमत्कारी लाभ
सावन का महीना हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और धार्मिक ऊर्जा से भरपूर माना जाता है। यह महीना मुख्यतः भगवान शिव को समर्पित होता है, लेकिन इस दौरान भगवान गणेश की पूजा का भी विशेष महत्व होता है, खासकर जब सावन का पहला बुधवार आता है। चूंकि बुधवार गणपति जी का प्रिय वार है, ऐसे में इस दिन गणेश जी की विधिपूर्वक आराधना करने से सभी विघ्न बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं सावन के पहले बुधवार को गणेश पूजा करने की सही विधि, उसका महत्व और इससे मिलने वाले पुण्य लाभ।
गणेश जी की पूजा क्यों करें सावन के पहले बुधवार को?
सावन के महीने में की गई हर पूजा अधिक फलदायी मानी जाती है क्योंकि यह मास देवताओं को अत्यंत प्रिय होता है। बुधवार का संबंध बुद्ध ग्रह और श्री गणेश जी से है। इस दिन गणपति की उपासना करने से कार्यों में सफलता मिलती है और आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है। विशेष रूप से अगर कोई विद्यार्थी, व्यापारी या नौकरीपेशा व्यक्ति यह पूजा करता है, तो उसे करियर और धन में उन्नति मिलती है।
सावन के पहले बुधवार को गणेश जी की पूजा विधि
1. प्रात:काल स्नान के बाद संकल्प लें:
सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। पूजा से पहले व्रत या पूजा का संकल्प लें और अपने इष्ट देव को स्मरण करें।
2. गणेश जी की मूर्ति की स्थापना:
घर में पूर्व दिशा की ओर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा पीले या सिंदूरी रंग की हो तो शुभ होता है।
3. गणेश जी को अर्पित करें प्रिय वस्तुएं:
गणपति बप्पा को दूर्वा घास, शुद्ध जल, अक्षत, चंदन, पीले फूल, शुद्ध घी का दीपक और मोदक अर्पित करें। बुधवार के दिन हरी मूंग की दाल का भोग भी अत्यंत लाभकारी माना गया है।
4. पूजा मंत्र और आरती:
‘ॐ गं गणपतये नमः’ का 108 बार जप करें। उसके बाद गणेश जी की आरती करें – "जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा..." और सभी परिवारजनों को प्रसाद वितरित करें।
5. बुध ग्रह की शांति हेतु उपाय:
यदि कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो बुधवार के दिन गणेश जी को हरे रंग की वस्तुएं जैसे पत्ता गोभी, मूंग, पान अर्पित करें। इससे बुध ग्रह मजबूत होता है और बोलचाल व व्यापार में सुधार होता है।
इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
करें:
गणेश जी को दूर्वा घास और मोदक का भोग जरूर लगाएं।
हरे वस्त्र धारण करें और वाणी में मधुरता रखें।
किसी गरीब या जरूरतमंद को भोजन और हरी सब्जी दान करें।
न करें:
बुधवार के दिन दूध या दही का दान न करें।
वाणी में कटुता, क्रोध या झूठ से परहेज करें।
पूजा के बाद शेष दूर्वा या फूल फेंकें नहीं, उन्हें किसी पौधे के नीचे रखें।
गणेश पूजा के लाभ
बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।
व्यापार और नौकरी में सफलता मिलती है।
पारिवारिक कलह या विघ्नों से मुक्ति मिलती है।
मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

