कितनी बार करें महा मृत्युंजय मंत्र का जाप? वीडियो में जानें मंत्र के पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए सही संख्या
महामृत्युंजय मंत्र, जिसे मृत्यु के देवता यमराज से मुक्ति का मंत्र माना जाता है, हिंदू धर्म के सबसे शक्तिशाली और प्रभावी मंत्रों में से एक है। यह मंत्र न केवल जीवन को दीर्घायु देता है, बल्कि इसके जाप से मानसिक शांति, रोगों से मुक्ति और परम सुख की प्राप्ति होती है। लेकिन सवाल यह है कि महा मृत्युंजय मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए ताकि इसका पूर्ण लाभ मिल सके? इस लेख में हम इस मंत्र के जाप के लाभों और उसके प्रभावी जाप की संख्या के बारे में विस्तार से जानेंगे।
महा मृत्युंजय मंत्र की महिमा
महामृत्युंजय मंत्र का उद्घाटन भगवान शिव के द्वारा हुआ माना जाता है, और यह मंत्र उनके त्रिनेत्र से प्राप्त हुआ था। यह मंत्र 'मृत्यु के विजय' के रूप में प्रतिष्ठित है, जहां इसका जाप करने से किसी भी प्रकार के मृत्यु के डर से मुक्ति मिलती है। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन को दीर्घायु, रोग-मुक्त और शांतिपूर्ण बनाने का कार्य करता है।
महा मृत्युंजय मंत्र का जाप कितनी बार करें?
हिंदू धर्म में मंत्रों का जाप करने के लिए विशेष संख्या और विधि का पालन किया जाता है। महा मृत्युंजय मंत्र के जाप के संबंध में भी कुछ विशेष नियम और अनुशासन हैं जो इसके प्रभाव को बढ़ाने में सहायक होते हैं। आमतौर पर, इस मंत्र का जाप निम्नलिखित संख्या में किया जाता है:
11 बार जाप: यदि आप महा मृत्युंजय मंत्र का जाप 11 बार करते हैं, तो यह मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। यह जाप नियमित रूप से करने से तनाव कम होता है और व्यक्ति को ताजगी का अनुभव होता है।
108 बार जाप: 108 बार जाप करना सबसे प्रभावशाली माना जाता है। इसका जाप नियमित रूप से करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। 108 की संख्या को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है, क्योंकि इसे ब्रह्मांड के मूल तत्वों से जोड़ा जाता है। यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन 108 बार महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करता है, तो उसे न केवल मृत्यु से मुक्ति मिलती है, बल्कि जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ भी कम होती हैं।
1008 बार जाप: जब आप 1008 बार महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं, तो यह एक अत्यधिक शक्तिशाली उपाय माना जाता है। इसका प्रभाव शरीर, मन और आत्मा पर गहरा होता है, और यह किसी भी प्रकार की गंभीर बीमारी या संकट को दूर करने में सहायक हो सकता है।
महा मृत्युंजय मंत्र के लाभ
महामृत्युंजय मंत्र का जाप न केवल मृत्यु से बचाव करता है, बल्कि इसके जाप से जीवन में अनेक लाभ होते हैं।
दीर्घायु: महा मृत्युंजय मंत्र का जाप व्यक्ति की उम्र को बढ़ाने का कार्य करता है। यह व्यक्ति को उम्रभर की ताजगी और स्वास्थ्य प्रदान करता है।
रोगों से मुक्ति: यह मंत्र विशेष रूप से गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। नियमित जाप से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो रोगों के प्रभाव को कम करता है और शरीर को स्वस्थ बनाता है।
मृत्यु के भय से मुक्ति: इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के मन से मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। यह मानसिक शक्ति को बढ़ाता है और आत्मविश्वास को मजबूत करता है।
शांति और सुख: महा मृत्युंजय मंत्र मानसिक शांति और सुख प्रदान करता है। यह तनाव और चिंता को दूर करता है, जिससे जीवन में संतुलन बना रहता है।
आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में भी अग्रसर करता है। इसे सही तरीके से जाप करने से व्यक्ति अपने जीवन का उद्देश्य समझने लगता है और आत्मिक शांति का अनुभव करता है।
महा मृत्युंजय मंत्र का जाप कैसे करें?
महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:
स्वच्छ स्थान पर बैठें: मंत्र का जाप करते समय आपको शांत और स्वच्छ स्थान पर बैठना चाहिए, ताकि ध्यान केंद्रित किया जा सके।
सप्ताह में एक दिन विशेष रखें: महा मृत्युंजय मंत्र का जाप रविवार, सोमवार या पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
सही विधि का पालन करें: जाप करते समय सही विधि का पालन करना आवश्यक है। माला का प्रयोग करके 108 बार जाप करें और हर बार एक सांस के साथ मंत्र का उच्चारण करें।
निष्ठा और श्रद्धा: महा मृत्युंजय मंत्र का जाप निष्ठा और श्रद्धा से करना चाहिए, तभी इसका पूरा प्रभाव मिलता है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप व्यक्ति की शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति को बेहतर बनाने में सहायक होता है। इसे सही तरीके से और उचित संख्या में जाप करने से जीवन में सुख, शांति और दीर्घायु मिलती है। अगर आप भी इस मंत्र का प्रभावी जाप करना चाहते हैं, तो 108 बार का जाप सबसे उत्तम तरीका है, जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।

