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Gupt Navratri 2025 : वीडियो में जानिए वो 11 गलतियां जो अगर भूल से भी हो गई, तो देवी कृपा भी बन सकती है अभिशाप 

Gupt Navratri 2025 : वीडियो में जानिए वो 11 गलतियां जो अगर भूल से भी हो गई, तो देवी कृपा भी बन सकती है अभिशाप 

गुप्त नवरात्रि का समय तांत्रिक साधनाओं, विशेष उपासनाओं और सिद्धियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष गुप्त नवरात्रि 30 जून 2025 से प्रारंभ होकर 8 जुलाई 2025 तक मनाई जाएगी। यह नवरात्रि मुख्य रूप से शक्तिपूजन, रहस्यमयी साधनाओं और मंत्र सिद्धि के लिए जानी जाती है। जहां एक ओर यह साधकों को चमत्कारिक अनुभव देने वाली होती है, वहीं दूसरी ओर इसमें की गई छोटी सी भी भूल साधना को निष्फल कर सकती है या नकारात्मक परिणाम दे सकती है।इस विशेष नवरात्रि के दौरान कुछ कार्यों से परहेज करना अत्यंत आवश्यक होता है। आइए जानते हैं वे कौन-कौन सी चीजें हैं जिन्हें गुप्त नवरात्रि के दौरान करने से बचना चाहिए।

1. मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन बिल्कुल न करें

गुप्त नवरात्रि देवी दुर्गा के नौ रूपों की तंत्र परंपरा से जुड़ी साधना का विशेष समय होता है। ऐसे में मांसाहार, शराब और तामसिक भोजन से मानसिक, शारीरिक और आत्मिक शुद्धता भंग होती है। इससे साधना का प्रभाव कम हो सकता है या इसका विपरीत असर भी देखने को मिल सकता है।

2. गुप्त साधनाएं सार्वजनिक रूप से न करें

गुप्त नवरात्रि का नाम ही इस बात की ओर इशारा करता है कि साधनाएं गोपनीय रखी जाएं। इन नौ दिनों में जो भी पूजा-पाठ, मंत्र-जाप या विशेष साधना की जाती है, उसे साझा करना या सार्वजनिक करना साधना की ऊर्जा को कम कर सकता है।

3. सूर्यास्त के बाद न करें ये गलतियां

सूर्यास्त के बाद इन दिनों में झूठ बोलना, क्रोध करना, अपशब्द कहना या किसी से बहस करने जैसी नकारात्मक गतिविधियां साधना में विघ्न डालती हैं। गुप्त नवरात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन और सात्विक आचरण सबसे अधिक प्रभावी होता है।

4. न करें किसी का अपमान या तिरस्कार

गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी बुजुर्ग, माता-पिता, गुरु या जरूरतमंद का अपमान करना देवी को अप्रसन्न कर सकता है। देवी दुर्गा करुणा, ममता और न्याय की प्रतीक हैं। ऐसे में दूसरों को पीड़ा देना साधक को स्वयं कष्ट दे सकता है।

5. संध्या आरती और पूजा में लापरवाही से बचें

इन नौ दिनों में देवी की आरती, पूजा और मंत्रों में शुद्धता और नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर आप पूजा करते समय मन इधर-उधर लगाते हैं, या पूजा अधूरी छोड़ते हैं, तो इसका आध्यात्मिक नुकसान हो सकता है।

6. रात में विशेष साधनाएं करने से पहले जानें उचित विधि

गुप्त नवरात्रि में रात्रि समय की साधनाएं अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती हैं, लेकिन ये केवल अनुभवी और मार्गदर्शक गुरुओं के निर्देशन में की जानी चाहिए। बिना उचित विधि और संकल्प के तांत्रिक साधना करना आत्मघाती भी हो सकता है।

7. झूठी कसम या वादे करने से बचें

इन दिनों कोई भी झूठ बोलना या झूठी कसम खाना बहुत भारी पड़ सकता है। गुप्त नवरात्रि में साधक की ऊर्जा और संकल्प की शक्ति बढ़ी होती है, ऐसे में कोई भी नकारात्मक विचार या कार्य वास्तविक जीवन में प्रभावी हो सकता है।

8. काले कपड़े या गंदे वस्त्र पहनने से करें परहेज

पूजा-पाठ और साधना के समय हमेशा स्वच्छ, हल्के रंग के और सात्विक वस्त्र पहनने चाहिए। काले रंग को तंत्र विद्या में निषेध माना गया है, खासकर जब तक आपकी साधना पूरी न हो।

9. बिना स्नान किए पूजा न करें

गुप्त नवरात्रि में साधना की सफलता के लिए शरीर और मन दोनों की पवित्रता अत्यावश्यक है। सुबह स्नान करके ही पूजा करें और मंत्रों का उच्चारण पूरी श्रद्धा व ध्यान के साथ करें।

10. किसी से ईर्ष्या या द्वेष की भावना न रखें

सभी नवरात्रियों की तरह गुप्त नवरात्रि भी आत्मशुद्धि और आत्मसाधना का अवसर है। इस समय यदि आप किसी से ईर्ष्या, द्वेष या घृणा रखते हैं, तो ये भावनाएं आपकी साधना को विफल कर सकती हैं।

11. घर में कलह, विवाद या अशांति का वातावरण न बनने दें

गुप्त नवरात्रि के दौरान घर का वातावरण शांत, पवित्र और सकारात्मक बनाए रखें। देवी की कृपा वहीं बरसती है जहाँ प्रेम, श्रद्धा और संयम का वास होता है।

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