जब रोए भगवान विष्णु और वजह बनी माता लक्ष्मी…
घर में सुख-समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता हैं। माता लक्ष्मी धन और संपन्नता की देवी हैं,तो प्रभु विष्णु जगत के पालनहार हैं। दोनों की यह जोड़ी धरती के लोगों के जीवन में संतुलन बनाए रखने का कार्य करती हैं। मगर क्या आप जानते हैं, कि एक समय ऐसा आया था जब मां लक्ष्मी की वजह से भगवान विष्णु की आंखों में आंसु आ गए थे।
जानते हैं, इसके पीछे की वजह—
पौराणिक कथा के मुताबिक एक बार भगवान विष्णु ने अपने धाम से निकलकर धरती पर जाने का विचार बनाया और जब उन्होंने इसकी तैयारी शुरू की तो मां लक्ष्मी ने उनसे पूछा की वह कहां जा रहे हैं। भगवान विष्णु ने उन्हें बताया कि वह धरती लोक पर घूमने जा रहे हैं। ये बात मां लक्ष्मी ने भी भगवान विष्णु को उन्हें भी साथ ले जाने के लिए कहा तो भगवान विष्णु बोले की तुम मेरे साथ चल सकती हो मगर एक शर्त हैं,कि तुम धरती पर पहुंचकर उत्तर दिशा की ओर नहीं देखोगी।
वही मां लक्ष्मी ने शर्त मान ली और जैसे ही मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु धरती पर पहुंचे तो सूर्यदेव उदय ही हुए थे और रात में हुई बारिश की वजह से आसपास फैली हरियाली की वजह से धरती काफी खूबसूरत नजर आ रही थीं जिसके चलते वह भूल गई की उन्होंने विष्णु जी को कुछ वचन दिया हैं, और वह उत्तर दिशा की ओर मुड़ कर उस सुदंर बगीचे में चली गई मां लक्ष्मी को फूलों की भीनी-भीनी खुशबू आ रही थी और वहां से मां लक्ष्मी बिना सोचे एक फूल भी तोड़ लाई जब वह फूल तोड़ने के बाद वापस आई तो भगवान विष्णु की आंखों में आंसू थे। मां लक्ष्मी जी के हाथ में फूल देख विष्णु जी बोले बिना किसी से पूछे उसकी चीज को हाथ नहीं लगना चाहिए। इसी के साथ अपने वचन को भी विष्णु जी ने याद दिलाया जिसे मां लक्ष्मी भूल गई थी।