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मानसिक शांति से पारिवारिक सुख तक... सावन में शिव चालीसा का पाठ करने से मिलते हैं ये दुर्लभ, वीडियो में जान आप भी शरू कर देंगे पाठ 

मानसिक शांति से पारिवारिक सुख तक... सावन में शिव चालीसा का पाठ करने से मिलते हैं ये दुर्लभ, वीडियो में जान आप भी शरू कर देंगे पाठ 

सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। इस पूरे महीने में शिवभक्त व्रत-उपवास रखते हैं, रुद्राभिषेक करते हैं और ‘ॐ नम: शिवाय’ का जाप करते हैं। परंतु बहुत कम लोग जानते हैं कि इस दौरान यदि श्रद्धा और भक्ति से शिव चालीसा का पाठ किया जाए, तो उसके अत्यंत शुभ फल प्राप्त होते हैं। शिव चालीसा में भगवान शिव की महिमा, उनके स्वरूप, लीलाओं और कृपा का वर्णन किया गया है। यह चालीसा न केवल धार्मिक दृष्टि से लाभकारी है, बल्कि मानसिक और पारिवारिक शांति के लिए भी अत्यंत फलदायी मानी जाती है।यहां जानिए सावन में शिव चालीसा का पाठ करने से मिलने वाले चार प्रमुख लाभ—

1. मानसिक शांति और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति

शिव चालीसा के नियमित पाठ से मानसिक तनाव दूर होता है। यह मन को स्थिर करता है और नकारात्मक विचारों को दूर करने में सहायक होता है। सावन के दौरान शिव चालीसा का उच्चारण वातावरण को भी शुद्ध करता है। जब कोई व्यक्ति शिव चालीसा का पाठ करता है, तो उसमें एक विशेष प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न होती है जो उसके आस-पास की नकारात्मकता को समाप्त कर देती है। विशेष रूप से जो लोग बार-बार चिंता, डर या अवसाद जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह पाठ मानसिक चिकित्सक की तरह काम करता है।

2. कष्टों से मुक्ति और संकटों का नाश

शिव चालीसा में भगवान शिव के संकटहारी स्वरूप का वर्णन मिलता है। मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति पर शनि, राहु या केतु जैसी ग्रह बाधाएं हों या जीवन में बार-बार कोई न कोई बाधा आ रही हो, तो सावन में शिव चालीसा का पाठ करने से इन समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यह पाठ व्यक्ति की कुंडली में स्थित दोषों को शांत करता है और सौभाग्य में वृद्धि करता है। अनेक श्रद्धालु मानते हैं कि संकट के समय शिव चालीसा का पाठ उन्हें चमत्कारी राहत देता है।

3. आरोग्य और दीर्घायु की प्राप्ति

भगवान शिव को आयु और स्वास्थ्य का रक्षक माना जाता है। जो लोग लंबे समय से बीमार हैं या किसी रोग से परेशान हैं, वे यदि सावन में शिव चालीसा का पाठ विधिपूर्वक करते हैं, तो उन्हें स्वास्थ्य लाभ होता है। यह पाठ शरीर और मन को संतुलित करता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो शिव चालीसा का उच्चारण एक प्रकार की ध्वनि चिकित्सा (sound therapy) की तरह कार्य करता है जो शरीर में कंपन पैदा कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को जाग्रत करता है।

4. वैवाहिक सुख और परिवार में शांति

शिव और पार्वती का संबंध आदर्श दांपत्य जीवन का प्रतीक है। यदि किसी व्यक्ति का वैवाहिक जीवन कलहपूर्ण हो या विवाह में विलंब हो रहा हो, तो सावन में शिव चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। यह पाठ दांपत्य जीवन में मधुरता लाता है और पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ाता है। साथ ही पारिवारिक रिश्तों में जो कड़वाहट होती है, वह भी शिव कृपा से दूर होती है। इसीलिए कई परिवार सावन में सामूहिक रूप से शिव चालीसा का पाठ करते हैं।

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