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हर बुधवार पूजा के समय करे श्रीगणेश के इस 12 नामों वाले चमत्कारी स्तोत्र का पथ, वीडियो में दिव्य लाभ जानकार आप भी रह जाएंगे दंग 

हर बुधवार पूजा के समय करे श्रीगणेश के इस 12 नामों वाले चमत्कारी स्तोत्र का पथ, वीडियो में दिव्य लाभ जानकार आप भी रह जाएंगे दंग 

श्रीगणेश, जो न केवल विघ्नहर्ता बल्कि सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य के भी दाता माने जाते हैं, उनकी पूजा हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखती है। विशेष रूप से बुधवार का दिन भगवान गणेश के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना करने से जीवन में समृद्धि, सुख, और सफलता की प्राप्ति होती है। ऐसी ही एक अत्यधिक प्रभावशाली पूजा विधि है गणेश द्वादश स्तोत्र का पाठ, जिसे हर बुधवार पूजा के समय करना अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।


गणेश द्वादश स्तोत्र का महत्व

गणेश द्वादश स्तोत्र, गणेश जी के 12 नामों का एक संकलन है, जो भगवान गणेश के विभिन्न रूपों और उनके दिव्य गुणों का वर्णन करता है। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए बेहद लाभकारी है जो जीवन में किसी प्रकार की बाधाओं, परेशानियों या विघ्नों का सामना कर रहे हैं। यह स्तोत्र न केवल मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि की प्राप्ति में भी सहायक होता है।

गणेश द्वादश स्तोत्र के 12 नाम
गणेश द्वादश स्तोत्र में श्रीगणेश के 12 नामों का उल्लेख किया गया है, जो प्रत्येक नाम में उनके विभिन्न रूपों और शक्तियों को प्रदर्शित करते हैं। हर नाम का एक विशेष अर्थ और दिव्य प्रभाव है। यहां हम उन 12 नामों के बारे में विस्तार से जानेंगे:

ॐ गणपतये नमः
यह पहला नाम भगवान गणेश के शांति और समृद्धि के दाता रूप को दर्शाता है। इस नाम का उच्चारण करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर होती हैं और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।

ॐ विघ्नराजाय नमः
यह नाम भगवान गणेश के विघ्नहर्ता रूप को प्रदर्शित करता है। इसके पाठ से जीवन में आने वाली सभी रुकावटें और समस्याएं दूर होती हैं।

ॐ गणेशाय नमः
यह नाम भगवान गणेश को समर्पित है, जो सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक दुखों को समाप्त करते हैं। यह नाम शांति और मानसिक संतुलन के लिए उत्तम है।

ॐ श्री गणेशाय नमः
यह नाम श्री गणेश के समृद्धि और ऐश्वर्य के दाता रूप का प्रतीक है। इसके पाठ से धन की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।

ॐ महागणपतये नमः
महागणपति का यह नाम भगवान गणेश के महान रूप का प्रतीक है। इसके पाठ से बड़ी से बड़ी समस्याएं भी हल हो जाती हैं और व्यक्ति को हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है।

ॐ एकदन्ताय नमः
यह नाम भगवान गणेश के एकदंत रूप का प्रतीक है, जिसमें एक दांत होने के कारण उन्हें यह नाम दिया गया। इसका पाठ एकाग्रता और सच्चाई की प्राप्ति के लिए शुभ है।

ॐ लम्बोदराय नमः
लम्बोदर का नाम भगवान गणेश के बड़े पेट और उनके विशाल रूप का प्रतीक है। यह नाम अन्न, समृद्धि और जीवन में संतुलन की प्राप्ति को दर्शाता है।

ॐ विघ्नेश्वराय नमः
यह नाम भगवान गणेश को विघ्नों को समाप्त करने वाले रूप में दर्शाता है। इसके पाठ से जीवन में आने वाली किसी भी प्रकार की विघ्न-बाधाओं का नाश होता है।

ॐ धनुषधारिणे नमः
धनुषधारी भगवान गणेश के इस रूप को दर्शाने वाला नाम है। यह नाम उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी है जो धन, संपत्ति और लक्ष्मी की प्राप्ति चाहते हैं।

ॐ शमीकाय नमः
यह नाम भगवान गणेश के एक शांत और सौम्य रूप को दर्शाता है। इसके पाठ से मानसिक शांति और सुकून की प्राप्ति होती है।

ॐ मयूरेश्वराय नमः
मयूरेश्वर का नाम भगवान गणेश के मोरपंख वाले रूप से जुड़ा हुआ है। यह नाम जीवन में नए रास्ते खोलने और सकारात्मकता की ओर अग्रसर होने के लिए बेहद शुभ है।

ॐ पिंगलाय नमः
यह नाम भगवान गणेश के उस रूप को दर्शाता है जिसमें वे सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाते हैं। इसके पाठ से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

गणेश द्वादश स्तोत्र का पाठ करने का तरीका
गणेश द्वादश स्तोत्र का पाठ बहुत सरल है, लेकिन इसके प्रभाव को सही तरीके से महसूस करने के लिए इसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। हर बुधवार पूजा के समय निम्नलिखित विधि से गणेश द्वादश स्तोत्र का पाठ करें:
शुद्ध व स्वच्छ स्थान का चयन करें – पूजा के लिए एक शांत स्थान चुनें और वहां एक सफेद कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र रखें।
पवित्र जल और पुष्प अर्पित करें – भगवान गणेश को ताजे फूल और शुद्ध जल अर्पित करें।
ध्यान और मंत्र जाप करें – सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और फिर गणेश द्वादश स्तोत्र का पाठ आरंभ करें।
12 नामों का उच्चारण करें – ध्यान रखें कि आप प्रत्येक नाम का उच्चारण ठीक से करें और समझें कि उसका क्या दिव्य अर्थ है।

गणेश द्वादश स्तोत्र के लाभ
विघ्नों का नाश – इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में आने वाली किसी भी तरह की विघ्न-बाधाओं का नाश होता है और सफलता की राह खुलती है।
मानसिक शांति – यह स्तोत्र मानसिक शांति और संतुलन को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों का सामना शांति से कर पाता है।
धन और समृद्धि – गणेश द्वादश स्तोत्र के पाठ से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
कुल परिवार में सुख-शांति – परिवार में भी सुख-शांति का वातावरण बना रहता है और आपसी रिश्तों में प्यार और समर्पण बढ़ता है।

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