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खाटू श्याम यात्रा के दौरान इन चार जगहों पर माथा टेके बिना ना लौटे वापिस वरना अधूरी रहेगी यात्रा, वीडियो में जाने कौन से है वो स्थान ?

खाटू श्याम यात्रा के दौरान इन चार जगहों पर माथा टेके बिना ना लौटे वापिस वरना अधूरी रहेगी यात्रा, वीडियो में जाने कौन से है वो स्थान ?

खाटूश्याम जी के फाल्गुन लक्खी मेले के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, जिसमें देश-विदेश से श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन के लिए आते हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं के लिए खाटूश्याम जी के आसपास कई आध्यात्मिक और शांतिपूर्ण स्थान हैं, जहां वे दर्शन और घूमने का आनंद ले सकते हैं। इनमें श्याम कुंड, जीण माता मंदिर, सालासर बालाजी मंदिर और हर्षनाथ मंदिर प्रमुख हैं। इन स्थानों पर जाकर श्रद्धालुओं को न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि वे प्राचीन वास्तुकला और धार्मिक महत्व का भी अनुभव कर सकते हैं।

बाबा श्याम का कुंड

श्याम कुंड खाटूश्याम जी में एक पवित्र स्थान है, जो मंदिर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस कुंड में बाबा श्याम का सिर गाय चरा रहे एक चरवाहे को मिला था। भक्त यहां स्नान करके अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए मन्नत का धागा और नारियल बांधते हैं और बाबा श्याम से अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करते हैं। श्याम कुंड के दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं को एक अलग आध्यात्मिक अनुभव होता है और यह स्थान श्याम भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।

भेरू जी मंदिर

खाटूश्याम जी से करीब 17 किलोमीटर दूर स्थित रींगस का भेरू जी मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। इस मंदिर में भैरू जी महाराज की मूर्ति जमीन के अंदर दबी हुई है, जो इसे खास बनाती है। उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाद यह भैरू जी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है, जहां हजारों श्रद्धालु जात-जप के लिए आते हैं। इस मंदिर में प्रसाद के रूप में मदिरा चढ़ाई जाती है और मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु जीवित बकरा छोड़ जाते हैं। परिवार के साथ घूमने के लिए यह मंदिर एक महत्वपूर्ण स्थान है।

प्राचीन शिव मंदिर

हर्ष पहाड़ी पर स्थित हर्ष भैरव मंदिर और प्राचीन शिव मंदिर एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यह मंदिर 3000 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है और इसकी स्थापना चौहान शासकों ने की थी। यह मंदिर करीब 900 साल पुराना है और इतिहास में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। पहाड़ी की चोटी तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क है, जहां कार या मोटरसाइकिल से आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा हर्ष की पहाड़ी पर सूर्योदय और सूर्यास्त के मनोरम दृश्यों को कैद करने के लिए पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है, जो इसे फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए भी एक आदर्श स्थान बनाता है।

जीण माता मंदिर

खाटूश्याम जी से करीब 25-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जीण माता मंदिर आदि शक्ति मां जीण भवानी को समर्पित है, जिन्हें मां दुर्गा का अवतार माना जाता है। यह मंदिर पहाड़ी की तलहटी में स्थित है और यहां पहुंचने के लिए रेतीले, पहाड़ी और जंगल क्षेत्र से गुजरना पड़ता है, जो एक यादगार अनुभव होता है। जीण माता मंदिर में जाने के लिए भक्त माता की चुनरी और प्रसाद लेकर आसानी से माता के दर्शन कर सकते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

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