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शनि दोष, भय और रोगों से मुक्ति चाहिए? तो सावन में करें हनुमान चालीसा का पाठ, वीडियो में जाने दिव्य लाभ और पाठ की विधि

शनि दोष, भय और रोगों से मुक्ति चाहिए? तो सावन में करें हनुमान चालीसा का पाठ, वीडियो में जाने दिव्य लाभ और पाठ की विधि

सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और धार्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण माना जाता है। इस माह में भगवान शिव की आराधना विशेष रूप से की जाती है, लेकिन शिव के परमभक्त श्री हनुमान जी की पूजा का भी इसमें विशेष महत्व है। सावन के प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ करने से जीवन के समस्त संकट दूर होते हैं और भक्तों को चमत्कारी अनुभव प्राप्त होते हैं।


हनुमान चालीसा का महत्व सावन में
हनुमान चालीसा गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित एक अद्भुत स्तुति है, जिसमें श्रीराम के परमभक्त हनुमान जी की महिमा का गान किया गया है। यह केवल एक स्तुति नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली मंत्र है जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, आत्मबल और मनोबल का संचार करता है।

सावन में जब वातावरण आध्यात्मिक होता है, बारिश की बूंदें शुद्धता लाती हैं और चारों ओर हरियाली छा जाती है, तब हनुमान चालीसा का पाठ करने से उसका प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है। यह मन और शरीर दोनों को शांति प्रदान करता है। खासकर उन लोगों के लिए जो जीवन में किसी न किसी कारण से मानसिक तनाव, भय, रोग या बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह माह और यह पाठ बेहद प्रभावशाली होता है।

क्यों करें सावन में हनुमान चालीसा का पाठ?
शनि दोष और ग्रहबाधा से मुक्ति: जिन जातकों की कुंडली में शनि, राहु, केतु या अन्य ग्रहों का अशुभ प्रभाव हो, उन्हें हनुमान चालीसा का नियमित पाठ विशेष लाभ देता है।
भय और मानसिक कमजोरी से मुक्ति: यदि किसी को अनजाना भय, आत्मविश्वास की कमी या असफलता का डर सताता है तो हनुमान चालीसा उसे मानसिक संबल और साहस प्रदान करती है।
रोगों से रक्षा: हनुमान जी को अष्टसिद्धि और नव निधियों के दाता कहा गया है। उनके स्मरण मात्र से रोगों से रक्षा होती है।
संतान सुख और विवाह बाधा में लाभ: जिन लोगों को विवाह या संतान संबंधी समस्याएं हो रही हों, वे सावन के मंगलवार को हनुमान चालीसा का विशेष पाठ करें।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: हनुमान चालीसा पाठ से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

कैसे करें पाठ?
रोज़ सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
घर के मंदिर या किसी शांत स्थान पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
लाल पुष्प, सिंदूर और चोला अर्पित करें।
बैठकर पूरे मन और श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ करें।
पाठ के बाद ‘हनुमान आरती’ करें और प्रसाद चढ़ाएं।

विशेष सावधानी
पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें।
मोबाइल, टीवी या अन्य किसी व्याकुल करने वाली चीज़ों से दूरी रखें।
अगर संभव हो तो मंगलवार और शनिवार को व्रत रखें और सात्विक आहार लें।
पाठ की संख्या एक (1), ग्यारह (11), इक्कीस (21) या 108 बार की जा सकती है, श्रद्धा अनुसार।

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