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शरद पूर्णिमा पर भूलकर भी ना कर बैठें ये गलतियां, वीडियो में देखें कैसे मिनटों में रूठ सकती है लक्ष्मी

शरद पूर्णिमा पर भूलकर भी ना कर बैठें ये गलतियां, वीडियो में देखें कैसे मिनटों में रूठ सकती है लक्ष्मी

सनातन धर्म में आश्विन मास की पूर्णिमा का विशेष धार्मिक महत्व है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन चंद्र देव 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर उदित होते हैं। शरद पूर्णिमा को लेकर मान्यता यह भी है कि इस दिन रात के समय अमृत की बूंदें धरती पर गिरती हैं। यही वजह है कि इस दिन खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखा जाता है, ताकि अमृत की बूदों का खीर में समावेश हो सके। कहा जाता है कि जो कोई शरद पूर्णिमा की रात बनी हुए खीर का सेवन करता है, वह स्वस्थ रहता है। इसके अलावा मान्यता यह भी है कि इस दिन नंगी आखों से चंद्रमा के दर्शन करने से आंख से संबंधित विकार दूर हो जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि शरद पूर्णमा के दिन क्या नहीं करना चाहिए...

तामसिक भोजन से रहे दूर

शरद पूर्णिमा के दिन जो व्रत नहीं भी करते हैं, उन्हें तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा इस दिन व्यक्ति को मांस-मदीरा का सेवन करने से भी बचना चाहिए। कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन ऐसे निषेध कार्यों को करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। ऐसे में इस दिन तामसिक भोजन करने से बचना अधिक उचित होगा।

दूध के लेनदेन से बचें

धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन न तो दूध खरीदना चाहिए और न ही बेचना चाहिए। दरअसल पूर्णिमा के दिन दूध का लेनदेन निषेध माना गया है। चूंकि पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित है, ऐसे में इस दिन ऐसा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त नहीं होती।

काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें

धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। दरअसल पूर्णिमा को शुभ तिथि के रूप में देखा गया है। ऐसे में इस दिन काले रंग के वस्त्र पहनने से परहेज किया जाता है।

सुहागिन महिलाओं का ना करें अपमान

पूर्णिमा के दिन घर आईं सुहागिन महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही न ही उन्हें खाली हाथ लौटाना चाहिए। मान्यतानुसार, पूर्णिमा के दिन सुगाहिन महिलाओं का अपमान करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। ऐसे में शरद पूर्णिमा के दिन इस बात का विशेष ख्याल रखें।

पूर्णिमा पर इस समय ना करें दान

वैसे तो पूर्णिमा के दिन दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। लेकिन इसके लिए शुभ समय का विशेष ख्याल रखना होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन शाम के वक्त दान करने के बचना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन शाम के समय दान करने से आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

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