जब जीवन में बढ़ें कष्ट और परेशानियां तो शिव चालीसा बनती है संजीवनी, वीडियो में जानिए इसके नियमित पाठ से कैसे बदलती है किस्मत

शिव चालीसा का पाठ करने से भय या संकोच से भी मुक्ति मिलती है। इसके लिए जय गणेश गिरिजा सुवन मंगल मूल सुजान, कहे अयोध्या दास तुम देउ अभय वरदान पंक्ति पढ़ें। इस पंक्ति को शाम को नहीं बल्कि सुबह पढ़ें। इसे लगातार 40 दिनों तक पढ़ें, लाभ मिलेगा। हिंदू धर्म में शिव चालीसा का विशेष महत्व है। भगवान शिव को प्रसन्न करने का यह सबसे सरल उपाय है, तो आइए आपको शिव चालीसा की महिमा के बारे में बताते हैं। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के ज्योतिषाचार्य एवं कुंडली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि हिंदू धर्म में भक्त द्वारा सरल भाषा में भगवान से की गई प्रार्थना को चालीसा कहा जाता है। शिव चालीसा को चालीसा कहने के पीछे एक कारण यह भी है कि इसमें चालीस पंक्तियां होती हैं। इस तरह लोकप्रिय शिव चालीसा का पाठ करके भक्त अपने भगवान को आसानी से प्रसन्न कर सकते हैं। शिव चालीसा के माध्यम से आप अपने सभी दुखों को भूलकर भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस तरह भक्त भगवान शिव को प्रसन्न कर अपनी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
शिव चालीसा का पाठ करने से भय दूर होता है
शिव चालीसा का पाठ करने से भय या बोझ से भी मुक्ति मिलती है। इसके लिए पंक्ति जय गणेश गिरिजा सुवन मंगल मूल सुजान, कहे अयोध्या दास तुम देउ अभय वरदान पढ़ें। इस पंक्ति को शाम को नहीं बल्कि सुबह पढ़ें। इसे लगातार 40 दिन तक पढ़ें, लाभ मिलेगा।
शिव चालीसा दुख और समस्याओं को भी दूर करती है
विश्व प्रसिद्ध भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि अगर आप बहुत परेशान और दुखी हैं तो निराश न हों। शिव चालीसा की यह एक पंक्ति जपें, देवन जबहि जाए पुकारा, तभी दुख प्रभु आप निवारा। ध्यान रहे, रात में इस पंक्ति को 11 बार पढ़ें और काम पूरा होने के बाद गरीबों में मिठाई बांटें। अगर आप किसी मनचाहे काम के लिए प्रयास कर रहे हैं तो शिव चालीसा की यह पंक्ति पढ़ें, पूजन रामचंद्र जब कीन्हा जीत के लंका विभीषण दीन्हा। शाम को इस पंक्ति को 13 बार पढ़ें और ऐसा लगातार 27 दिन तक करते रहें।
शिव चालीसा पढ़ने के लिए विशेष नियम हैं। सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद भगवान का ध्यान करते हुए शुद्ध मन से शिव चालीसा पढ़ें। चालीसा ब्रह्म मुहूर्त में सफेद आसन पर बैठें। इसके बाद उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। भगवान की मूर्ति के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और 11 बार पाठ करें। पाठ करते समय शिवलिंग पर जल का पात्र रखें और प्रसाद के रूप में मिश्री चढ़ाएं। पूजा में चावल, कलावा, सफेद चंदन, धूपबत्ती, पीले फूलों की माला और 11 सफेद आक के फूल भी रखें। साथ ही एक बेलपत्र को उल्टा करके शिवलिंग पर चढ़ाएं। पाठ शुरू करने से पहले एक लोटे में जल भरकर रख लें। ध्यान रहे कि इसे दिन में दो-तीन बार अवश्य पढ़ें। लगातार 40 दिनों तक इसका पाठ करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पाठ को तेज आवाज में पढ़ें ताकि भक्त भी सुन सकें, इससे लाभ होगा। इसके बाद लोटे के जल को पूरे घर में छिड़कें और बच्चों में प्रसाद बांटें।
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत आसान है, इसीलिए अविवाहित लड़कियां भगवान शिव जैसा पति पाने के लिए न सिर्फ शिव चालीसा का पाठ करती हैं बल्कि सोमवार का व्रत भी रखती हैं। अच्छा पति पाने के लिए शिव चालीसा की ये पंक्तियां पढ़ें- 'खतन भक्ति देखि प्रभु शंकर' भई प्रसन्न दिए इच्छाता वर।' इस पंक्ति का सुबह 54 बार जाप करें। ऐसा 21 दिनों तक करने से लड़कियों को मनचाहा पति मिलता है। सोमवार का व्रत रखने और शिव चालीसा का पाठ करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनचाहा वरदान देते हैं। शिव चालीसा का पाठ करने से महिलाओं को मृत्यु का भय नहीं रहता और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। अगर आप भगवान शिव का आशीर्वाद चाहते हैं तो इसका सच्चे मन से पाठ करें, आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
शिव चालीसा का महत्व
हिंदू धर्म में शिव चालीसा का विशेष महत्व है। सावन के सोमवार को शिव चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है। इस विधि से पाठ करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। स्वास्थ्य अच्छा रहता है और भगवान शिव सभी प्रकार के खतरों से रक्षा करते हैं। बीमार व्यक्ति ठीक हो जाता है और गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए यह शिव चालीसा बहुत कारगर है।