प्रेम और विवाह के बारे में चाणक्य ने बताई है ये बातें
प्रेम की कोई सटीक परिभाषा नहीं होती हैं मगर इतना कहा जा सकता हैं कि प्यार हर भौतिक वस्तुओं से अलग होता हैं ऐसे में आचार्य चाणक्य पुरुषों के प्रेम और विवाह से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताते हैं जो आज के समय के मुताबिक उचित मानी जाती हैं। चाणक्य के अनुसार स्त्रियों के लिए पुरूषों को समझना मुश्किल होता हैं तो पुरूषों के लिए स्त्रियों को समझना कठिन हैं। चाणक्य ने पुरूषों के विषय में ऐसी बातों का उल्लेख किया हैं, जो थोड़े कड़वे हैं लेकिन अपवादों को छोड़ दें तो कलियुग में स्त्री हो या पुरूष सभी इसी मानसिकता से घिरे हुए हैं, तो आज हम आपको आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
पुरुष हमेशा आकर्षण के पीछे अधिक भागते हैं और हमेशा सुंदर चीजों की इच्छा रखते हैं इस समाज ने स्त्री को भी एक सुंदर वस्तु ही बना दिया हैं। इसलिए हर पुरुश एक सुंदर स्त्री से ही विवाह करना चाहता हैं कुछ पुरुष आंतरिक सुंदरता को महत्व देते हैं। पुरुष खुद दिखने में चाहे जैसे हो मगर उन्हें विवाह के लिए लड़की खूबसूरत और सबसे अलग चाहिए फिर चाहे वो दिल की कैसी भी हो, पुरुष सुंदर पत्नी पाकर समाज में दिखाता हैं कि वो कितना खुशकिस्मत हैं। चाणक्य कहते हैं अगर किसी पुरुष को लगता हैं कि उसकी पत्नी सुंदर नहीं हैं और उसके सम्मान को ठेस पहुंचाए, तो इससे पहले उसे खुद को आइने में देख लेना चाहिए। भले ही उसमें पुरुष को अपनी शारीरिक सुंदरता दिखाई दे, मगर उसके अंदर का जमीर उसे अपनी छोटी सोच का अहसास दिलाएगा।