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आखिर मंगलवार को ही क्यों सबसे सफल मानी जाती है बजरंगबली की पूजा ? वीडियो में जानिए इससे जुडी पौराणिक मान्यताएं 

आखिर मंगलवार को ही क्यों सबसे सफल मानी जाती है बजरंगबली की पूजा ? वीडियो में जानिए इससे जुडी पौराणिक मान्यताएं 

हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को संकटमोचन, वीरता, भक्ति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। उन्हें "कलियुग के जीवंत देवता" भी कहा गया है, जिनकी आराधना करने से शनि दोष, भूत-प्रेत बाधा, मानसिक तनाव और दुर्भाग्य से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। पर क्या आपने कभी सोचा है कि मंगलवार को ही हनुमान जी की पूजा सबसे प्रभावी क्यों मानी जाती है? इसके पीछे धार्मिक, पौराणिक और ज्योतिषीय कारण छिपे हैं, जो इस लेख में विस्तार से बताए गए हैं।


पौराणिक मान्यता: मंगल से जुड़ी हनुमान जी की शक्ति
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, मंगलवार का संबंध मंगल ग्रह से है, जो साहस, पराक्रम, ऊर्जा और युद्ध का कारक माना जाता है। यह सभी गुण हनुमान जी के स्वभाव और शक्तियों से मेल खाते हैं। भगवान हनुमान के चरित्र में अद्वितीय बल, बुद्धि, और भक्ति की त्रिवेणी देखने को मिलती है। उन्होंने रामायण में अपने अद्भुत पराक्रम से पूरी वानर सेना को संगठित किया, सीता माता का पता लगाया और लंका दहन कर रावण की सेना में हड़कंप मचा दिया।कहते हैं कि हनुमान जी ने मंगलवार के दिन ही सूर्य देव को गुरु मानकर विद्याध्ययन पूर्ण किया था। यही कारण है कि मंगलवार को हनुमान जी की आराधना करने से विद्या, आत्मबल और कार्यसिद्धि की प्राप्ति होती है।

शनि दोष से मुक्ति में भी सहायक
एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, जब शनि देव रावण के बंदीगृह में कैद थे, तब हनुमान जी ने उन्हें मुक्त कराया था। इस उपकार से प्रसन्न होकर शनि देव ने वचन दिया कि जो भी भक्त हनुमान जी की मंगलवार और शनिवार को पूजा करेगा, उस पर शनि की टेढ़ी दृष्टि नहीं पड़ेगी। यही वजह है कि मंगलवार को हनुमान जी के मंदिरों में शनि दोष से पीड़ित भक्तों की विशेष भीड़ देखी जाती है।

मंगल ग्रह के प्रभाव से मिलती है ऊर्जा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल एक अग्नि तत्व ग्रह है जो शरीर में रक्त, ऊर्जा, हिम्मत और आत्मविश्वास का कारक है। जिनकी कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में होता है, उन्हें क्रोध, विवाद, दुर्घटना, विवाह में बाधा जैसी समस्याएं घेर लेती हैं। ऐसे में मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से मंगल ग्रह शांत होता है और उसका सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है।हनुमान जी को लाल फूल, सिंदूर, चोला और गुड़-चना अर्पित करने से मंगल ग्रह का दोष शांत होता है और व्यक्ति को मानसिक संतुलन व आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है।

चोला चढ़ाने की परंपरा और उसका महत्व
मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाने की परंपरा भी अत्यंत प्राचीन है। चोले में चमेली का तेल और सिंदूर मिलाकर भगवान को अर्पित किया जाता है। इस प्रक्रिया से जहां शारीरिक और मानसिक दोषों का शमन होता है, वहीं नकारात्मक ऊर्जा से भी रक्षा होती है। यह भी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से मंगलवार के दिन चोला चढ़ाता है, उसके सभी कष्ट खुद हनुमान जी अपने कंधों पर उठा लेते हैं।

रामभक्ति और मंगलवार का अद्भुत संबंध
हनुमान जी को रामभक्त शिरोमणि कहा जाता है। रामायण में वर्णित घटनाओं के अनुसार, मंगलवार के दिन ही उन्होंने लंका में प्रवेश कर सीता माता का पता लगाया था। वहीं एक अन्य मान्यता के अनुसार, मंगलवार को ही उन्होंने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण की जान बचाई थी। इन घटनाओं के कारण यह दिन उनकी भक्ति और सेवा भावना का प्रतीक बन गया।

भक्तों का अनुभव और परंपराएं
आज भी भारतभर में मंगलवार के दिन हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा, भजन, और हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया जाता है। लाखों श्रद्धालु व्रत रखते हैं और दिनभर एक समय फलाहार करते हैं। भक्तों का मानना है कि मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से—

पुराने रोगों से मुक्ति मिलती है

शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है

मानसिक भय समाप्त होता है

कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलती है

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