हर संकट से मुक्ति दिलाने वाला स्तोत्र! इस आध्यात्मिक वीडियो में जानिए श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् के अद्भुत लाभ और प्रयोग की विधि
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, शुभारंभ के देवता और बुद्धि-प्रदाता के रूप में जाना जाता है। हर शुभ कार्य से पहले उनके नाम का स्मरण कर आशीर्वाद लिया जाता है। ऐसे में जब जीवन में कठिनाइयाँ बढ़ जाएँ, राह में बाधाएँ आएँ और मानसिक तनाव का सामना करना पड़े, तो श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् एक चमत्कारी उपाय बनकर उभरता है। यह स्तोत्र भगवान गणेश के बारह पावन नामों का संकलन है, जिनका नित्य जाप करने से जीवन की हर बाधा दूर हो सकती है।
श्री गणपति द्वादश नाम स्तोत्रम् क्या है?
'द्वादश' का अर्थ होता है 'बारह'। यह स्तोत्र भगवान गणेश के बारह विशिष्ट नामों का समूह है, जिन्हें वेदों और पुराणों में शक्तिशाली और फलदायी माना गया है। इस स्तोत्र का वर्णन गणेश पुराण में मिलता है और माना जाता है कि इसका पाठ करने से सभी प्रकार के विघ्न, शारीरिक और मानसिक रोग, आर्थिक संकट तथा दुश्मनों से रक्षा प्राप्त होती है।
श्री गणपति द्वादश नाम
सुमुखः – सुंदर मुख वाले
एकदंतः – एक दांत वाले
कपिलः – जटाओं में अग्नि के समान वर्ण वाले
गजकर्णकः – हाथी जैसे कान वाले
लम्बोदरः – बड़े पेट वाले
विकटः – भयंकर रूप वाले
विघ्ननाशनः – विघ्नों का नाश करने वाले
विनायकः – प्रमुख या नेता
धूम्रकेतुः – धुएँ जैसे ध्वज वाले
गणाध्यक्षः – गणों के अधिपति
भालचन्द्रः – मस्तक पर चंद्र धारण करने वाले
गजाननः – हाथी के समान मुख वाले
इन नामों का उच्चारण श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से व्यक्ति के जीवन में चमत्कारी सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
प्रयोग की विधि
जप का समय: ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे तक) सबसे उत्तम माना जाता है, लेकिन चाहें तो दिन में भी किसी शांत समय पर कर सकते हैं।
स्थान: स्वच्छ स्थान पर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
संकल्प: श्री गणेश का ध्यान करें और अपनी मनोकामना को मन ही मन संकल्प के रूप में रखें।
माला: रुद्राक्ष या तुलसी की माला से 11 या 21 बार जाप करें।
घी का दीपक: गणपति जी के सामने घी का दीपक जलाना शुभ होता है।
प्रसाद: लड्डू, गुड़ और दूर्वा अर्पण करें।
अद्भुत लाभ
संकटों से मुक्ति: यह स्तोत्र जीवन की हर छोटी-बड़ी बाधा को दूर करने में सक्षम है। नौकरी में रुकावट, व्यापार में नुकसान, पारिवारिक कलह जैसी परेशानियाँ कम होती हैं।
बुद्धि और स्मरण शक्ति में वृद्धि: विद्यार्थियों के लिए यह अत्यंत उपयोगी है। इसका नियमित पाठ एकाग्रता और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: घर या कार्यस्थल पर नकारात्मक ऊर्जा महसूस हो रही हो, तो इसका पाठ वातावरण को सकारात्मक बनाने में मदद करता है।
मानसिक शांति और आत्मबल: जीवन की उलझनों के बीच यह स्तोत्र मानसिक बल और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
आकस्मिक दुर्घटनाओं से रक्षा: यात्रा पर जाते समय इसका पाठ सुरक्षित और बाधारहित यात्रा का आशीर्वाद देता है।

