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गलता जी के 7 चमत्कारी सरोवर! जहां कभी नहीं सूखता जल, वीडियो में जानें हर कुंड से जुड़ी रहस्यमयी धार्मिक मान्यताएं

गलता जी के 7 चमत्कारी सरोवर! जहां कभी नहीं सूखता जल, वीडियो में जानें हर कुंड से जुड़ी रहस्यमयी धार्मिक मान्यताएं

जयपुर की अरावली पर्वतमाला में बसे गलता जी मंदिर को राजस्थान के सबसे प्राचीन और रहस्यमयी तीर्थस्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर न सिर्फ धार्मिक श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि अपने सात पवित्र सरोवरों (कुंडों) के लिए भी प्रसिद्ध है, जिनके पीछे कई चमत्कारी और पौराणिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है कि इन कुंडों में स्नान करने मात्र से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं और मन, शरीर व आत्मा को शुद्धि प्राप्त होती है। आज हम आपको बता रहे हैं गलता जी मंदिर के सात सरोवरों की विशेषता और उनके पीछे की मान्यताओं के बारे में।


गलता जी: एक पवित्र तपोभूमि
गलता जी मंदिर को "गलगाजी" भी कहा जाता है। यह मंदिर ऋषि गलव की तपोभूमि माना जाता है, जिन्होंने यहीं पर कठोर तपस्या कर इंद्र, ब्रह्मा और सूर्य जैसे देवताओं को प्रसन्न किया था। यही कारण है कि यह स्थल सप्ततीर्थों में गिना जाता है। अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित यह मंदिर परिसर प्राकृतिक जलस्रोतों और सुरम्य वातावरण से परिपूर्ण है।

सात पवित्र सरोवर: जल से जुड़ी मान्यताएं
गलता जी मंदिर में कुल सात प्रमुख सरोवर (या कुंड) हैं, जिनमें से गालव कुंड, सूर्य कुंड और पवित्र कुंड सबसे प्रसिद्ध हैं। इन सरोवरों में जल की आपूर्ति पहाड़ियों से आने वाले प्राकृतिक स्रोतों से होती है और यह जल कभी नहीं सूखता – यह स्वयं में एक चमत्कार माना जाता है।

1. गालव कुंड
यह सबसे प्रमुख सरोवर है, जिसका नाम ऋषि गालव के नाम पर रखा गया है। मान्यता है कि ऋषि गालव ने यहीं पर वर्षों तक तपस्या कर दिव्य सिद्धियाँ प्राप्त की थीं। इस कुंड में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।

2. सूर्य कुंड
सूर्य देव को समर्पित यह कुंड स्वास्थ्य और रोगमुक्ति के लिए विख्यात है। कहा जाता है कि इस सरोवर में स्नान करने से त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाते हैं और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।

3. पवित्र कुंड
नाम के अनुसार यह कुंड अत्यंत शुद्ध और पवित्र माना जाता है। यहां पर धार्मिक पर्वों और विशेष तिथियों जैसे मकर संक्रांति पर हजारों श्रद्धालु स्नान करते हैं। मान्यता है कि इसका जल व्यक्ति के भीतर की नकारात्मकता को दूर करता है।

4. हरिहर कुंड
इस कुंड को भगवान शिव और विष्णु दोनों का आशीर्वाद प्राप्त है। यहां स्नान करने से वैवाहिक जीवन में सामंजस्य और पारिवारिक सुख में वृद्धि होती है।

5. राम कुंड
मान्यता है कि इस कुंड में भगवान श्रीराम और हनुमान ने स्नान किया था। यह कुंड साहस और भक्ति का प्रतीक है। श्रद्धालु मानते हैं कि इस कुंड में स्नान करने से भय, चिंता और अविश्वास दूर होता है।

6. सीता कुंड
सीता माता को समर्पित यह सरोवर स्त्रियों के लिए विशेष माना जाता है। इसमें स्नान करने से सौंदर्य, संयम और मातृत्व का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

7. हनुमान कुंड
इस कुंड के पास ही हनुमान जी की विशाल मूर्ति स्थित है। यह कुंड शक्ति, साहस और भक्ति का प्रतीक है। युवा और विद्यार्थी वर्ग इस कुंड में स्नान कर मनोबल और आत्मविश्वास प्राप्त करने की कामना करते हैं।

चमत्कारों से जुड़ी लोक मान्यताएं
गलता जी के कुंडों के बारे में सबसे चमत्कारी बात यह मानी जाती है कि ये कभी सूखते नहीं हैं। गर्मियों की तपती धूप हो या बारिश की कमी, इन सरोवरों में जल स्थायी रूप से बना रहता है। स्थानीय जनश्रुति कहती है कि यह जल स्वयं गंगा और यमुना का प्रतीक है, और यहां स्नान करने से गंगास्नान के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है।इसके अलावा, मकर संक्रांति के दिन यहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। माना जाता है कि इस दिन कुंडों में देवताओं का वास होता है और जल अमृत के समान हो जाता है।

आस्था, पर्यटन और पवित्रता का संगम
गलता जी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, प्रकृति और अध्यात्म का त्रिवेणी संगम है। यहां आने वाले श्रद्धालु मंदिर दर्शन के साथ-साथ इन पवित्र सरोवरों में स्नान कर आत्मिक शांति का अनुभव करते हैं।यह स्थान विदेशी पर्यटकों के बीच भी खासा लोकप्रिय है, जो भारतीय संस्कृति और योग के साथ अध्यात्म की गहराई को समझने यहां आते हैं। हनुमान मंदिर की विशाल मूर्ति और बंदरों की उपस्थिति इस स्थान को और भी खास बनाती है।

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