महिलाओं को अब बार-बार नहीं बदलने होंगे पैड्स, फ्रीडम कप देगा उड़ने की आजादी
जयपुर। सिंगापुर की तीन बहनों ने पैडमन की तर्ज पर ही महिला को पीरियड्स के दिनों में राहत देने के लिए एक नवाचार विकसित किया है। जी हां, इस अनोखी तकनीक का नाम फ्रीडम कप है। दरअसल फ्रीडम कप एक ऐसी युक्ति है जो खासकर उन पिछड़ी महिलाओं के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है, जो आज भी सेनेटरी पैड की जगह घरेलू कपड़ा या फिर राख का इस्तेमाल करती हैं।
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वैसे तो बॉलीवुड फिल्म पैडमैन के आने के बाद इस विषय पर महिलाओं की हिचक काफी कम हुई है। तभी तो इस बार लड़कियों की समस्या खुद इन तीन लड़कियों ने ही हल करने की कोशिश की हैं। फ्रीडम कप की मदद से आम ग्रामीण महिलाएं आसानी से महंगे पैड्स के खर्चे से बचते हुए अपने स्वास्थ्य का ख्याल रख पाएगी।
घंटी के आकार के इस कप को अपनी सुविधानुसार शरीर के निचले हिस्से में फिट किया जाता है। यह कप करीब 12 घंटे तक लगातार काम करता है, उसके बाद इसे दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जाता है। जबकि दूसरी ओर सेनेटरी नैपकिन या पैड्स एक बार ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं। उन्हें दोबारा इस्तेमाल करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है।
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फ्रीडम कप मुख्यतया मेडिकल ग्रेड की सिलिकॉन से निर्मित होता है। यही वजह है कि एक फ्रीडम कप करीब दस साल तक बिल्कुल वैसा ही बना रहता है। इसे साफ करके दोबारा इस्तेमाल करने लायक बनाया जा सकता है। हिसाब लगाए तो 10 सालों में एक फ्रीडम कप लगभग 5000 सेनेटरी पैड के बराबर काम करता है। इसकी कीमत की बजट में ही है। लगभग 25 डॉलर य़ानी करीब 1700 रु बताई जा रही है।

