देखें कैसे चांद की ओर उड़ चला चंद्रयान-3, जानें कब चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा Chandrayaan-3
चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर ठीक 2.35 बजे बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी लॉन्च व्हीकल मार्क-III (एलवीएम-3) से लॉन्च किया गया था।
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प्रक्षेपण के लगभग 16 मिनट बाद प्रणोदन मॉड्यूल रॉकेट से अलग हो गया। इस दौरान इसरो के कंट्रोल रूम में मौजूद वैज्ञानिक और दर्शक खुशी से झूम उठे.

चंद्रयान 180 किलोमीटर की ऊंचाई पर LVM-3 M4 रॉकेट से अलग हो गया. अब चंद्रयान-3 आगे का सफर खुद तय करेगा. इस रॉकेट ने सिर्फ 16 मिनट और 15 सेकंड में चंद्रयान को अंतरिक्ष में लॉन्च किया।
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आपको बता दें कि 43.5 मीटर ऊंचे 'बाहुबली' रॉकेट से लॉन्च होने के बाद अब चंद्रयान अगले 42 दिनों तक अंतरिक्ष में घूमेगा और चांद पर पहुंचेगा।

इसरो वैज्ञानिकों ने रात करीब 2.50 बजे चंद्रयान उपग्रह को रॉकेट से अलग करने की घोषणा की। इसके साथ ही चंद्रयान अब चंद्रमा की यात्रा शुरू करने के लिए उसकी कक्षा में स्थापित हो गया है।

चंद्रयान-3 5 अगस्त के आसपास चंद्रमा की बाहरी कक्षा में प्रवेश करेगा। चंद्रयान-3 में स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल लगाया गया है. इसकी मदद से लैंडर और रोवर चंद्रमा की कक्षा में 100 किमी तक पहुंचेंगे।

चंद्रमा की सतह पर लैंडर के उतरने के बाद रोवर चंद्रमा की सतह पर यात्रा शुरू करेगा। इस बीच यह चांद की मिट्टी, पर्यावरण और वहां के पानी के बारे में जानकारी देगा।

बता दें कि इस बार लैंडर के इंजन चंद्रयान-2 मिशन से भी ज्यादा ताकतवर हैं। लैंडर किसी भी त्रुटि को महज 96 मिलीसेकंड में ठीक करने में सक्षम होगा।

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के मौके पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहे. उनके अलावा इसरो के पूर्व प्रमुख राधाकृष्णन, के सिवन और एएस किरण कुमार भी मौजूद थे.

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग देखने के लिए हजारों लोग इसरो के बाहर पहुंचे।

