स्टील और स्टेनलेस स्टील कोई एक चीज नहीं, दोनों में हैं काफी अंतर
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जयपुर। आम तौर पर स्टील और स्टेनलेस स्टील को एक ही धातु समझ लिया जाता हैं, जबकि वास्तव में ये दोनों अलग अलग चीजें हैं। हालांकि दोनों ही स्टील से ही बने हैं मगर फिर भी इनमें उतना ही अंतर है जितना तमिलनाडु और केरल में है। कहने को दोनों ही साउथ इंडियन स्टेट हैं, मगर दोनों के अपने अपने हिस्ट्री जियोग्रॉफी हैं। यही बात स्टील के इन दोनों पॉपुलर संस्करणों पर भी लागू होती हैं। बता दे कि स्टील और स्टेनलेस स्टील के बीच ताकत, लचीलापन, कठोरता, लागत, आदि अनेक बिंदुओं पर विभिन्नताएं पाई जाती हैं।
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गौरतलब है कि स्टील को और ज्यादा मजबूत और शानदार बनाने के लिए उसमें कई तरह के अन्य धातु मिलाकर स्टेनलेस स्टील बनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लोहे में कार्बन मिलाने से वह और मजबूत और कड़क हो जाता है। इसे ही कार्बन स्टील या हल्का स्टील कहा जाता है। जबकि स्टेनलेस स्टील में एक उच्च क्रोमियम की मिलावट की जाती है, ताकि वह एक बाहरी परत की मदद से खराब होने से बचाया जा सके।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि स्टेनलेस स्टील में क्रोमियम, निकल, नाइट्रोजन और मोलिब्डेनम आदि तत्वों का मिश्रण मिलाया जाता है। इसमें जंग नहीं लगता है। जबकि स्टील में सामान्यतया दाग और जंग लगने का खतरा बना रहता है। यही वजह है कि क्रोमियम की मदद से स्टेनलेस स्टील जल्दी खराब नहीं होता है, बल्कि उस पर एक सुरक्षा परत चढ़ जाती है।
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तभी तो स्टेनलेस स्टील में कभी जंग नहीं लगता है। बता दे कि स्टेनलेस मे क्रोमियम की परत ऑक्सीजन युक्त वातावरण को भी निष्क्रिय कर देती है, जिससे जंग लग ही नहीं पाता है। हालांकि ताकत के मामले में स्टील स्टेनलेस स्टील की तुलना में थोड़ा बेहतर होता है। क्योंकि उसमें कार्बन की मात्रा ज्यादा होती है।