18 दिन अंतरिक्ष में बिताने के बाद मुस्कुराते हुए धरती पर लौटे शुभांशु शुक्ला, 2 मिनट के वायरल फुटेज में जानिए मिशन की पूरी कहानी
भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पृथ्वी पर लौट आए हैं। स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के स्प्लैशडाउन के बाद उनकी पहली तस्वीर सामने आई है। बाहर आते ही उनके चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान थी, जीत की मुस्कान। शुभांशु ने हाथ हिलाकर अभिवादन किया और अपनी खुशी का इज़हार किया।शुभांशु शुक्ला तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आए हैं। स्पेसएक्स कैप्सूल, जिसमें चार अंतरिक्ष यात्री थे, भारतीय समयानुसार दोपहर 3.01 बजे अमेरिकी राज्य कैलिफ़ोर्निया के सैन डिएगो तट के पास प्रशांत महासागर में उतरा।
स्प्लैशडाउन के बाद जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल का हैच खुला, अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन सबसे पहले बाहर आईं। कुछ देर बाद शुभांशु शुक्ला को कैप्सूल से बाहर निकाला गया। बाहर आते समय शुभांशु के चेहरे पर सफलता की चमक और घर लौटने का संतोष साफ़ दिखाई दे रहा था।यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय हैं जिन्होंने निजी अंतरिक्ष मिशन के तहत आईएसएस की यात्रा की और सुरक्षित पृथ्वी पर लौटे।
शुभांशु शुक्ला की वापसी हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। आईएसएस से निकलकर, वह लगभग 22.5 घंटे की यात्रा के बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। स्प्लैशडाउन के बाद, चारों अंतरिक्ष यात्रियों को कैप्सूल से निकालकर एक विशेष रिकवरी शिप पर रखा गया है। उनके कई मेडिकल टेस्ट शिप पर ही किए गए।शुभांशु ने इस मिशन में दो रिकॉर्ड बनाए हैं। वह अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय नागरिक बन गए हैं। इसके अलावा, उन्होंने राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय नागरिक का खिताब भी हासिल किया है।
देशवासियों के साथ शुभांशु की घर वापसी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे उनके पिता ने कहा कि सभी की दुआओं से मिशन सफल रहा। हमारा बेटा सकुशल पृथ्वी पर लौट आया। हम अपने बेटे के लिए बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि शुभांशु के आते-जाते थोड़ा डर लगा था, लेकिन अब नहीं लग रहा। उनके बेटे को 140 करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद प्राप्त था।
अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटने के बाद, पीएम मोदी ने भी शुभांशु को बधाई दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं पूरे देश के साथ ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का स्वागत करता हूँ, जो अपने ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौट आए हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से लाखों सपनों को प्रेरित किया है। यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है।"

