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"Axiom Mission 4" शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय बने

अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित मिशन एक्सिओम के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉकिंग पूरी हो गई....
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अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित मिशन एक्सिओम के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से डॉकिंग पूरी हो गई है। ड्रैगन अंतरिक्ष यान अपने तय समय से 20 मिनट पहले डॉक हो गया।

करीब 26 घंटे की यात्रा पूरी करने के बाद ड्रैगन अंतरिक्ष यान आईएसएस से जुड़ गया। यह अंतरिक्ष यान 418 किलोमीटर की ऊंचाई पर 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है। एक्सिओम मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से सफलतापूर्वक जुड़ गया। भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इस मिशन का संचालन किया।

केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट कर दी बधाई

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केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि बधाई हो, एक्सिओम4 की डॉकिंग पूरी हो गई है। शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन आईएसएस के प्रवेश द्वार पर खड़े हैं। 14 दिन के प्रवास के लिए कदम रखने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि दुनिया उत्साह और उम्मीद से देख रही है।

भारत के लिए शोध करेंगे शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला भारत के लिए अंतरिक्ष में महत्वपूर्ण शोध करेंगे, जिसमें अंतरिक्ष में मांसपेशियों का उत्थान, माइक्रोग्रैविटी में मानव कंप्यूटर इंटरैक्शन, प्लांट लाइफ बायोलॉजी, माइक्रोएल्गी ग्रोथ जैसे प्रयोग शामिल होंगे। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का शोध भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और नासा के सहयोग से किया जा रहा है।

एक्सिओम मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन (अमेरिका), मिशन पायलट शुभांशु शुक्ला (भारत) और मिशन विशेषज्ञ टिबोर कापू (हंगरी) और स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की (पोलैंड) का दल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में प्रवेश कर गया। अंतरिक्ष में प्रवेश करते हुए उनका एक वीडियो भी सामने आया है।

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