भारत के लिए दूसरा 'राकेश शर्मा मोमेंट'! एक्सिओम-4 ने अंतरिक्ष के लिए भरी उड़ान, वीडियो देख गर्व से चौड़ा हो जाएगा सीना

शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने निकल पड़े हैं। एक्सिओम-4 मिशन अंतरिक्ष के लिए रवाना हो चुका है। लॉन्चिंग के दौरान शुभांशु के माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि पूरा देश उन पर शर्मसार है। आखिरकार वो घड़ी आ ही गई, जिसका हर भारतीय को बेसब्री से इंतजार था। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जल्द ही अंतरिक्ष की उड़ान भरने जा रहे हैं।
Watch Falcon 9 launch Dragon and @Axiom_Space's Ax-4 mission to the @Space_Station https://t.co/OJYRpM5JCF
— SpaceX (@SpaceX) June 25, 2025
वे भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12.10 बजे अपनी टीम के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे।
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन कई मायनों में खास हो जाता है, क्योंकि आज से पहले इस मिशन को 6 बार टाला जा चुका है। कभी मौसम की वजह से तो कभी तकनीकी दिक्कतों की वजह से यह मिशन अब तक टाला जा चुका है, इसलिए अब देश इस मिशन पर पैनी नजर रख रहा है।
कैप्टन शुभांशु अमेरिकी, पोलिश और हंगेरियन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ एक्सिओम 4 (एक्स-4) मिशन पर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भर रहे हैं। आपको बता दें कि कैप्टन शुभांशु का मिशन 14 दिनों का विज्ञान है। इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष को सुलभ और किफायती बनाना और एक निजी स्पेस स्टेशन बनाना है, जो पुराने हो रहे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की जगह लेगा।
#WATCH लखनऊ: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की मां आशा शुक्ला अपने बेटे के लिए खुशी से भावुक हो गईं, जो #AxiomMission4 का हिस्सा है। pic.twitter.com/s2mSrJtWIt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 25, 2025
2025 से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंतरिक्ष यात्री नामित किया था। अब शुभांशु शुक्ला बुधवार को अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पर इतिहास रचने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे। वह स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान में फाल्कन-9 रॉकेट पर सवार होकर उड़ान भरेंगे। इस मिशन का नेतृत्व अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन कर रही हैं। पहले भी कई बार अंतरिक्ष में जा चुकीं पैगी उड़ान के सुचारू संचालन, वैज्ञानिक मिशन का नेतृत्व करने और जुलाई में सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होंगी। अगर फ्लोरिडा से प्रक्षेपण समय पर होता है, तो डॉकिंग 26 जून को शाम 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) निर्धारित है।