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वैज्ञानिकों के हाथ लगी बड़ी कामयाबी मिला पानी से भरपूर एक्‍सोप्‍लैनेट,क्‍या इस ग्रह पर हो सकते हैं एलियंस 

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विज्ञान न्यूज़ डेस्क,पृथ्‍वी के अलावा अंतरिक्ष में और कहां जीवन हो सकता है, वैज्ञानिक बरसों से इस खोज में लगे हैं। अब उनकी ‘सुई' एक्‍सोप्‍लैनेट्स पर जाकर टिक गई है। ऐसे ग्रह जो हमारे सूर्य की नहीं, बल्कि किसी और तारे की परिक्रमा करते हैं, एक्‍सोप्‍लैनेट्स (Exoplanets) कहलाते हैं। इंटरनेशनल रिसर्चर्स की एक टीम ने बड़ी खोज करते हुए ऐसे एक्‍सोप्‍लैनेट का पता लगाया है, जो रहने लायक हो सकता है। स्‍टडी को एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में पब्लिश करने के‍ लिए मंजूरी मिली है। 

जिस एक्‍सोप्‍लैनेट की खोज की गई है, उसका नाम एलएचएस 1140 बी (LHS 1140 b) है। यह हमारी पृथ्‍वी से लगभग 48 प्रकाश वर्ष दूर सेटस (Cetus) तारामंडल में स्थित एक एक्‍सोप्‍लैनेट है। दावा है कि यह एक सुपर-अर्थ आइस यानी पानी की दुनिया हो सकता है। इससे पहले वैज्ञानिकों का मानना था कि LHS 1140 b हाइड्रोजन से भरपूर घने वायुमंडल वाला एक छोटा-नेपच्यून जैसा ग्रह हो सकता है। अब जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप (JWST) से मिले डेटा ने जानकारी जुटाई कि यह पृथ्‍वी से बड़ा एक्‍सोप्‍लैनेट है जो चट्टानी ढांचे वाला पानी से भरपूर ग्रह हो सकता है।

 यह ग्रह एक लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है। यह इतनी दूरी से अपने तारे का चक्‍कर लगाता है, जिससे इसका तापमान ऐसा हो सकता है कि वहां लिक्विड वॉटर मौजूद रहे। JWST डेटा से यह संकेत भी मिलता है कि LHS 1140 b में पृथ्वी के समान नाइट्रोजन से भरा हुआ वातावरण हो सकता है।इस ग्रह को लेकर कई और चौंकाने वाली जान‍का‍रियां मिली हैं। रिसर्चर्स को पता चला है कि ग्रह के द्रव्‍यमान का लगभग 20 फीसदी हिस्‍सा पानी से बना हो सकता है। इस ग्रह में महासागर के होने की उम्‍मीद है और उसके केंद्र का तापमान 20 डिग्री के लगभग हो सकता है, जो पानी को लिक्‍व‍िड फॉर्म में बनाए रखने के लिए काफी है। 

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