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NASA की योजनाओं पर राजनीतिक ग्रहण, ट्रम्प सरकार की टेढ़ी नजर से वैज्ञानिकों में मचा हड़कंप 

NASA की योजनाओं पर राजनीतिक ग्रहण, ट्रम्प सरकार की टेढ़ी नजर से वैज्ञानिकों में मचा हड़कंप 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन अंतरिक्ष एजेंसी नासा के दो मिशनों को बंद करने की ओर बढ़ रहा है। ये मिशन ग्रीनहाउस गैसों और पौधों के स्वास्थ्य की निगरानी से संबंधित हैं। ट्रंप प्रशासन के इस कदम से वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं और किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण डेटा स्रोत बंद हो सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति के वित्तीय वर्ष 2026 के बजट प्रस्ताव में 'ऑर्बिटिंग कार्बन ऑब्ज़र्वेटरी' मिशनों के लिए कोई धनराशि शामिल नहीं है। ये मिशन सटीक रूप से दिखा सकते हैं कि कार्बन डाइऑक्साइड कहाँ उत्सर्जित और अवशोषित हो रही है और फसलें कितनी अच्छी तरह बढ़ रही हैं।

नासा के सेवानिवृत्त वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
नासा ने बुधवार को एक ईमेल बयान में कहा कि इन्हें 'राष्ट्रपति के एजेंडे और बजट प्राथमिकताओं के अनुरूप' समाप्त किया जा रहा है। इस बीच, नासा के एक सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डेविड क्रिस्प ने कहा कि इन मिशनों में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक अभी भी दुनिया की किसी भी मौजूदा या प्रस्तावित प्रणाली से ज़्यादा संवेदनशील और सटीक है। ये एक 'राष्ट्रीय संपत्ति' हैं जिन्हें बचाया जाना चाहिए।

डेविड क्रिस्प ने और क्या कहा?

क्रिस्प के अनुसार, इन मिशनों की मदद से वैज्ञानिकों ने पाया कि अमेज़न वर्षावन जितना कार्बन डाइऑक्साइड सोखते हैं, उससे कहीं ज़्यादा उत्सर्जित करते हैं, जबकि कनाडा, रूस और उन क्षेत्रों (जहाँ बर्फ पिघल रही है) के बोरियल वन ज़्यादा अवशोषित करते हैं। क्रिस्प ने कहा, "यह वाकई महत्वपूर्ण है। हम इस तेज़ी से बदलते ग्रह के बारे में बहुत कुछ सीख रहे हैं।"

जलवायु वैज्ञानिकों ने इस फ़ैसले पर सवाल उठाए
मिशिगन विश्वविद्यालय के जलवायु वैज्ञानिक जोनाथन ओवरपेक ने कहा कि मिशनों को समाप्त करने का फ़ैसला "बेहद अदूरदर्शी" है। उन्होंने कहा, "इन उपग्रहों द्वारा प्रदान किए गए अवलोकन अमेरिका सहित पूरे ग्रह पर बढ़ते जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।"

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