क्या आप सन फिश के बारे में जानते हैं, इसकी नई विशाल प्रजाजियों की खोज की गई!
ऐसा कभी कभी ही होता है कि किसी को एक 8 फुट लंबी (2.4 मीटर) मछली की एक नई प्रजाति का पता चला हो, ऐसा लगता है कि दसका शरीर किसी विचित्र काॅपी एंड पेस्ट दुर्घटना का शिकार हुआ हो। एक नए शोध में पता चला है कि दक्षिणी गोलार्ध के महासागरों में कुछ पैनकेक के आकार की अज्ञात सनफिश प्रजातियां छुपी हुईं थीं। ये सनफिश हूडविंकर के नाम से भी जानी जाती हैं।
वैज्ञानिक इन अजीब जानवरों पर दशकों के शोध के बावजूद इनकी मौजूदगी से अनजान थे। दुनिया की सबसे बड़ी बोनी मछली के रूप में सनफिश काफी भारी है, उनका वनज करीब 2,200 पौंड तक हो सकता हैं। उनके शरीर का आकार पूरी तरह से गोल है और उनके शरीर में पूंछ की जगह अजीब और फोरशाॅर्टन्ड रफल्स हैं। उनके इस शरीर के हिस्से को क्लेवस कहा जाता है, जिसका लैटिन में अर्थ पतवार है।
सनफिश प्रजातियों की सटीक संख्या और एक दूसरे के साथ उनके संबंध पिन डाउन करना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि 8 फीट से अधिक लंबे समय तक बढ़ने वाली मछली को परिवहन और संग्रहीत करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वास्तव में शोधकर्ताओं ने केवल हूडविंकर की खोज की क्योंकि 2009 में जापानी शोधकर्ताओं ने सनफिश के ऊतकों पर आनुवंशिक अध्ययन से जीन अनुक्रमों का खुलासा किया, जो कि किसी ज्ञात प्रजाति से मेल नहीं खातीं।
रिसचर्स ने कहा कि उस मछली का अध्ययन करने तक भी उन्हें से नहीं पता था कि वो दिखती कैसी है क्योंकि उन्हें सिफ मछली की स्किन के कुछ सैम्पल भेजे गए थे। वो रिसर्च के लिए पूरी तरह से तैयार थे, लेकिन य नहीं जानते थे कि एक मायावी महासागर मछली को कैसे खोजना चाहिए। इस रिसर्च में एक नया मोड़ तब आया जब तीन सनफिश क्राइस्टचर्च, न्यूजीलैंड में एक समुद्र तट पर खुद फंसी हुई थी।
इसके 10 दिन बाद ही एक और मछली हाथ लगी और तब उसे देखने के बाद रिसचर्स ने बताया कि वो उदास सी दिखने वाली मछली बहुत ही सुंदर लग रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे कि समुद्र से कोई अनमोल उपहार मिला हो। नई प्रजातियों में त्वचा की एक विशिष्ट पट्टी होती है जो उसके शरीर को उसके क्लेवस से विभाजित करती है। इसके अलावा अन्य सनफिश प्रजातियों की तुलना में इसके क्लेवस में ओसिकल्स नामक बोनी संरचनाएं भी होती हैं।
रिसचर्स ने पाया कि ये फिश दक्षिण-पूर्वी ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और शायद चिली के आसपास के पानी में रहते हैं। उन्होंने पाया क्योंकि ये बहुत मायावी हैं, और इनके विलुप्त होने का खतरा भी है। संभावना है कि मछली के लिए सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन और वार्मिंग महासागर है। सभी समुद्री वन्यजीवों की तरह समुद्र में प्लास्टिक प्रदूषण से इस सनफिश को काफी नुक्सान हो सकता है।

