Mount Everest नहीं पानी के नीचे स्थित ये पहाड़ है दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत, ऊंचाई जान उड़ जाएंगे होश
विज्ञान न्यूज़ डेस्क - जब भी धरती के सबसे ऊंचे पर्वत की बात आती है तो लोगों के दिमाग में माउंट एवरेस्ट का नाम अपने आप ही कौंध जाता है। हर पर्वतारोही इसकी चोटी पर फतह करने का सपना देखता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि माउंट एवरेस्ट धरती की सबसे ऊंची चोटी नहीं है।
दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी
माउंट एवरेस्ट को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माना जाता है। यह चोटी नेपाल में है और हिमालय पर्वत श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसका नाम यूरोपीय पर्वतारोही एवरेस्ट के नाम पर रखा गया था। माउंट एवरेस्ट चोटी की ऊंचाई 8848 मीटर यानी 8.84 किलोमीटर है। यह न केवल दुनिया की सबसे ऊंची चोटी है बल्कि सबसे कठिन चोटी भी है। हर साल कई पर्वतारोही इस चोटी को फतह करने की कोशिश में अपनी जान गंवा देते हैं।
माउंट एवरेस्ट से भी ऊंचा पर्वत
आपको जानकर हैरानी होगी कि माउंट एवरेस्ट धरती का सबसे ऊंचा पर्वत नहीं है। बल्कि यह खिताब अमेरिका के हवाई में पानी के नीचे दबे ज्वालामुखी मौना कीआ (दूसरा नाम मौना लोआ) का है। हवाई में मौना कीआ की कुल ऊंचाई 10.2 किलोमीटर है। इसका 4.2 किलोमीटर हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। जबकि करीब 6 किलोमीटर हिस्सा जमीन से ऊपर है। इस प्रकार, यदि हम आधार से शिखर तक की ऊंचाई मापें, तो यह पृथ्वी पर सबसे ऊंचा पर्वत बन जाता है।
माउंट एवरेस्ट से मौना की की तुलना
यदि हम माउंट एवरेस्ट और मौना की की तुलना करें, तो ज्वालामुखी का वजन अधिक है। मौना की ज्वालामुखी माउंट एवरेस्ट से 4.6 किलोमीटर ऊंचा है। लेकिन चूंकि इसका केवल 6 किलोमीटर हिस्सा ही जमीन पर दिखाई देता है, इसलिए इसे ऊंचाई के मामले में नहीं गिना जाता है।

