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आखिर क्या है यह लार ग्रंथि, और कितने प्रकार की होती हैं?

जयपुर। प्रकृति ने हमें ऐसे ऐसे नायाब तोहफे दिए हैं कि जिनकी भी तारीफ की जाए कम हैं। हमारा शरीर किसी भी अजूबे से कम नही हैं। क्योंकि शरीर में ऐसे ऐसे अवयव दिए गए हैं कि जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे। तो चलिए इस बार मुंह में पाई जाने वाली लार
आखिर क्या है यह लार ग्रंथि, और कितने प्रकार की होती हैं?

जयपुर। प्रकृति ने हमें ऐसे ऐसे नायाब तोहफे दिए हैं कि जिनकी भी तारीफ की जाए कम हैं। हमारा शरीर किसी भी अजूबे से कम नही हैं। क्योंकि शरीर में ऐसे ऐसे अवयव दिए गए हैं कि जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे। तो चलिए इस बार मुंह में पाई जाने वाली लार ग्रंथि के बारे में जान लिया जाए। आप सब जानते हैं कि हमारे मुख में मौजूद लार ग्रंथि हर समय लार का निर्माण करती रहती है।

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इसी लार की मदद से भोजन मुंह में ही कुछ हद तक तो पच जाता है। बाकी प्रक्रिया तो आंतों के हवाले से पूरी हो जाती है। गौरतलब है कि कुदरत ने लार ग्रंथि का यह नायाब तोहफा केवल स्तनधारी जीवों को ही बख्शी है। लार ग्रंथि को वैज्ञानिक जुबान में एक्सोक्राइन ग्रंथि भी कहते है। यह शरीर के बाहर या शरीर के भीतरी पदार्थों का आदान प्रदान करती है। साथ में लार की मदद से पाचक रस मुंह में खाने का पाचन करना शुरू कर देते हैं। लार में बलगम, लवण, जीवाणुरोधी यौगिक, एंजाइम और पानी जैसे कई अवयव होते हैं।

हम आपको एक अजीब तथ्य बताते हैं। जब भी आप किसी स्वादिष्ट भोजन को देखते है तो मुंह में पानी आने की जो कहावत है ना, वो दरअसल सच है। क्योंकि जब हम किसी लज़ीज़ खाने की तरफ देखते हैं तो अपने आप ही लार ग्रंथि सक्रिय होकर लार उत्सर्जित करने लग जाती है।  आखिर क्या है यह लार ग्रंथि, और कितने प्रकार की होती हैं?

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मगर जब हम सोते है तो लार की मात्रा कम हो जाती हैं। देखा जाए तो मूल रूप से लार एक जलीय अवयव है। जिसका मुख्य काम भोजन को मुख में ही पाचन तंत्र की तैयारी का एहसास कराना है। इसके अलावा लार आपको मुंह को नम और साफ भी रखती है। लार की मदद से भोजन को चबाने, निगलने और पचाने में मदद मिलती हैं।

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