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दिखेगा अद्भुत नजारा..आज आसमान से बरसेंगे उल्कापिंड, जानें क्यों होती है जलते तारों की बारिश?

अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए आज आसमान में एक खास घटना देखने को मिलने वाली है। आज यानी 6 मई 2025 को अंतरिक्ष में टूटे तारों की बौछार होने वाली है जिसे एटा एक्वेरिड उल्का बौछार कहा जाता है। वैसे तो उल्कापिंड गिरने का यह सिलसिला अप्रैल के अंत में ही....
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अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए आज आसमान में एक खास घटना देखने को मिलने वाली है। आज यानी 6 मई 2025 को अंतरिक्ष में टूटे तारों की बौछार होने वाली है जिसे एटा एक्वेरिड उल्का बौछार कहा जाता है। वैसे तो उल्कापिंड गिरने का यह सिलसिला अप्रैल के अंत में ही शुरू हो गया था, लेकिन इन दिनों, खासकर आज, यह अपने चरम पर होगा। यह उल्का बौछार इस महीने के अंत तक चलेगी और दर्शक इसे 28 मई तक देख सकेंगे। आइए जानते हैं इस उल्का बौछार का सबसे बेहतरीन नजारा कब, कैसे और किस समय देखने को मिलेगा!

अंतरिक्ष में आज एटा एक्वेरिड उल्का बौछार देखने को मिलेगी। नासा के अनुसार, ये एक्वेरियम हैली धूमकेतु के मलबे से बने हैं और जब पृथ्वी इनके बीच से गुजरती है, तो उल्कापिंड एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं। इस उल्का वर्षा को उपयुक्त परिस्थिति जैसे अंधेरा आकाश तथा कम से कम चांदनी में बहुत आसानी से देखा जा सकता है जिसमें पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में प्रति घंटे 10 से 30 उल्काएं देखी जा सकती हैं। जबकि दक्षिणी गोलार्ध में प्रति घंटे 60 उल्काएं भी गिरती देखी जा सकती हैं। इनकी गति 66 किमी प्रति सेकंड तक हो सकती है।

उल्का वर्षा कहां देखी जाएगी?

नासा के अनुसार, यह नजारा पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध में देखा जा सकेगा। अधिकांश उल्काएं यूनाइटेड किंगडम में देखी जाएंगी। जब ये उल्काएं 66 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करती हैं, तो इनसे तेज रोशनी निकलती है और ये कई सेकंड तक चमकती रहती हैं। उल्का वर्षा मंगलवार, 6 मई को अपने चरम पर होगी। इसे देखने का सबसे अच्छा समय सुबह 2 बजे के आसपास होगा।

उल्का वर्षा देखने का सबसे अच्छा तरीका

यदि आप इस उल्का बौछार का सबसे अच्छा दृश्य देखना चाहते हैं, तो ऐसा स्थान चुनें जो अंधेरा हो और शहर से दूर हो। आप अपने साथ एक स्लीपिंग बैग ले जा सकते हैं, एक कंबल ले जा सकते हैं ताकि उल्का वर्षा शुरू होने से पहले उसके सही स्थान पर पहुंचने का इंतजार कर सकें। अपनी आंखों को कम से कम 30 मिनट पहले उस अंधेरे स्थान पर रहने की आदत डाल लें ताकि आपकी आंखें उस अंधेरे में समायोजित हो सकें और उल्का बौछार को अच्छी तरह देख सकें। इसके लिए किसी दूरबीन की जरूरत नहीं होगी, इस उल्का बौछार को नंगी आंखों से देखा जा सकेगा। इस दौरान किसी भी कृत्रिम प्रकाश का उपयोग न करें। इसके अलावा, फोन की रोशनी में न देखें क्योंकि इससे आंखों के लिए आसमान में दूर तक देखना मुश्किल हो जाएगा।

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