ISRO अंतरिक्ष स्टेशन लांच करने की कर रहा तैयारी, नारायणन ने किया खुलासा कब जाएगा चंद्रयान-4?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपना अंतरिक्ष स्टेशन कक्षा में स्थापित करने की तैयारी कर रहा है। यह भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं में एक साहसिक छलांग है। यह बात इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने गुरुवार को समाज सुधारक राम मोहन राय की 253वीं जयंती पर राम मोहन मिशन के एक समारोह के दौरान कही। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-4 अगले ढाई साल में प्रक्षेपित किया जाएगा।
#WATCH | Kolkata: ISRO Chief V Narayanan says, "Chandrayaan-4 is a sample return mission. The Prime Minister and the Government of India have approved the project. We are currently working on the design, and in another 2.5 years, we will have the Chandrayaan-4 mission.… pic.twitter.com/hiIQN242gj
— ANI (@ANI) May 22, 2025
इसरो प्रमुख ने कहा कि वह अंतरिक्ष विभाग के सचिव हैं। उनका विभाग देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि उदाहरण के लिए हमारे देश को ही लें, हमारी 11,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा है, और फिर उत्तरी सीमा है। हमारे पास निगरानी के लिए बहुत बड़ा मार्जिन है और सरकार सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्परता से काम कर रही है। इसके लिए लोग और प्रणालियाँ जिम्मेदार हैं। नारायणन ने कहा कि फिलहाल हमारे 57 उपग्रह कक्षा में हैं। वे मौसम पूर्वानुमान से लेकर दूरदराज के क्षेत्रों में टेली-शिक्षा तक कई मुद्दों पर वास्तविक समय अपडेट और डेटा प्रदान करके जनता की सेवा कर रहे हैं।
अंतरिक्ष स्टेशन का वजन 50 टन से अधिक होगा
अंतरिक्ष स्टेशन के बारे में नारायण ने कहा कि इसका वजन 50 टन से अधिक होगा। नारायणन ने पीएसएलवी-सी61/ईओएस-09 मिशन की हालिया विफलता को इसरो के ट्रैक रिकॉर्ड में एक अपवाद बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह विफलता किसी भी तरह से इसरो के गगनयान जैसे भविष्य के कार्यक्रमों को पटरी से नहीं उतारेगी, क्योंकि यह कार्यक्रम भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।
अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने आगे कहा कि इसरो देश की पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान, जिसे गगनयान कहा जाएगा, की तैयारी कर रहा है। नारायणन ने कहा कि गगनयान का पहला मिशन मानवरहित परीक्षण उड़ान होगा, जिसे आने वाले दिनों में प्रक्षेपित किये जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसके बाद दो मानवयुक्त मिशन होंगे, जिन्हें इसरो द्वारा निकट भविष्य में प्रक्षेपित किये जाने की उम्मीद है।
अगले ढाई साल में लॉन्च होगा चंद्रयान-4
इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने आगे कहा, अभी हम (इसरो) चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 पर भी काम कर रहे हैं। जापान की मदद से भेजे जाने वाले चंद्रयान-5 में 6,400 किलोग्राम का लैंडर होगा, जो 350 किलोग्राम का रोवर ले जाएगा। इसका जीवनकाल 100 दिन का होगा। चंद्रयान-3 लैंडर का वजन 1,600 किलोग्राम था और इसमें 25 किलोग्राम का रोवर था। चंद्रयान-4 को अगले ढाई साल में चंद्रमा की सतह से नमूने लाने के लिए प्रक्षेपित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले कई दशकों में प्रगति की है और अब वह अंतरिक्ष अनुसंधान एवं अन्वेषण में शीर्ष देशों में शामिल है। नारायणन ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में महिला अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के योगदान के बारे में भी बात की।

