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कैसे इतने विशाल विमान को नुकसान पहुंचा देता है छोटा सा पक्षी? जानिए इसके पीछे का विज्ञान!

आसमान में उड़ते विमानों की तेज रफ्तार और उनके हाईटेक डिजाइन के बावजूद एक छोटा पक्षी जब उनसे टकराता है, तो नतीजा विनाशकारी हो सकता है। यह सुनने में अजीब लगता है कि 40-77 हजार किलो वजन वाला विशाल एयरबस A320 महज 1-2 किलो...
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आसमान में उड़ते विमानों की तेज रफ्तार और उनके हाईटेक डिजाइन के बावजूद एक छोटा पक्षी जब उनसे टकराता है, तो नतीजा विनाशकारी हो सकता है। यह सुनने में अजीब लगता है कि 40-77 हजार किलो वजन वाला विशाल एयरबस A320 महज 1-2 किलो के पक्षी की टक्कर से टूट सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से विज्ञान और गति की उस मारक क्षमता का नतीजा होता है, जिसे हम "बर्ड हिट" कहते हैं।

क्या होता है बर्ड हिट?

जब कोई पक्षी हवा में उड़ते विमान से टकराता है, तो उस घटना को बर्ड हिट कहा जाता है। ऐसा टकराव बेहद खतरनाक साबित हो सकता है, खासकर तब जब पक्षी विमान के इंजन, विंडशील्ड, नोज या अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों से टकराता है। ऐसा ही एक हादसा हाल ही में रांची में हुआ, जहां पटना से कोलकाता जा रहे इंडिगो के विमान से एक गिद्ध टकरा गया।

रांची में बर्ड हिट से बाल-बाल बचा विमान

इस घटना में विमान रांची एयरपोर्ट से 22 किलोमीटर दूर, लगभग 3000-4000 फीट की ऊंचाई पर था। अचानक एक गिद्ध टकरा गया और विमान का आगे का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि पायलट की सतर्कता और आपात लैंडिंग से सभी यात्री सुरक्षित रहे, लेकिन विमान की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि बर्ड हिट कितना गंभीर हो सकता है।

कैसे होता है इतना भारी नुकसान?

यह सवाल हर किसी के दिमाग में आता है कि आखिर 1 या 2 किलो का पक्षी इतने भारी विमान को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है? इसका जवाब है गतिज ऊर्जा (Kinetic Energy)। भौतिकी के नियम के अनुसार, Kinetic Energy = ½ × mass × velocity²

यानि कि ऊर्जा उस वस्तु के वजन से नहीं, उसकी गति से तय होती है – और गति का स्क्वायर मतलब असर कई गुना।

उदाहरण के तौर पर, यदि एक 1 किलो का पक्षी 300 किमी/घंटा की रफ्तार से विमान से टकराता है, तो वह लगभग 3400 न्यूटन का बल पैदा करता है, जो एक भारी हथौड़े के वार के बराबर है।

अब सोचिए, अगर यही पक्षी 500 किमी/घंटा या उससे ज्यादा रफ्तार से टकराए, तो बल और ऊर्जा कई गुना बढ़ जाएगी।

तकनीकी नुकसान: किन हिस्सों पर सबसे ज्यादा असर?

1. इंजन डैमेज

जेट इंजन हाई स्पीड और सटीक इंजीनियरिंग से चलते हैं। जब कोई पक्षी इंजन में घुसता है तो वह टरबाइन ब्लेड को तोड़ या मोड़ सकता है। इससे इंजन फेल हो सकता है या आग लग सकती है।

2. विंडशील्ड और कॉकपिट

पक्षी के टकराने से विंडशील्ड चकनाचूर हो सकता है। तेज गति और दबाव के कारण पायलट घायल हो सकते हैं या उनकी दृश्यता समाप्त हो सकती है।

3. सेंसर फेलियर

पक्षी पिटोट ट्यूब जैसे नेविगेशन सेंसर को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे उड़ान डेटा गलत हो सकता है और पायलट को दिशा तय करने में परेशानी हो सकती है।

4. फ्यूल टैंक या नोज सेक्शन डैमेज

विमान के नोज या फ्यूल सिस्टम पर प्रभाव से उसमें दरारें आ सकती हैं या लीकेज हो सकता है।

वैज्ञानिक तुलना से समझें खतरे को

  • 1.8 किलो के पक्षी का विमान से टकराने पर बल एक बुलेट के मुकाबले 130 गुना ज्यादा होता है।

  • 5 किलो का पक्षी, अगर 275 किमी/घंटा की गति से टकराए, तो यह वैसा है जैसे 100 किलो वजनी बैग को 15 मीटर ऊपर से गिराया जाए

क्यों खतरनाक होती है बर्ड हिट?

  • विमान और पक्षी की संयुक्त गति से टकराव बेहद शक्तिशाली हो जाता है।

  • छोटा पक्षी एक सीमित क्षेत्र से टकराता है, जिससे ऊर्जा का प्रभाव उसी जगह केंद्रित होता है और नुकसान गहरा होता है।

  • अगर टक्कर टेकऑफ या लैंडिंग के दौरान हो, जब विमान जमीन के करीब होता है, तो पायलट के पास रिएक्ट करने का समय बहुत कम होता है।

निष्कर्ष

बर्ड हिट एक सामान्य दिखने वाली घटना है, लेकिन इसके परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं। एक छोटे पक्षी की वजह से करोड़ों की लागत वाला विमान क्षतिग्रस्त हो सकता है, यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है, और पायलट को आपात निर्णय लेने पड़ सकते हैं। रांची की घटना इस बात की चेतावनी है कि आसमान में उड़ते हर विमान के लिए बर्ड हिट एक खतरनाक वास्तविकता है – जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसलिए हवाईअड्डों के आसपास पक्षी नियंत्रण उपाय, आधुनिक रडार और इंजन सेफ्टी मेकेनिज्म की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है।

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