फल और सब्ज़ियों की मदद से अपराधियों का पता लगाया जा सकेगा, आ गई है नई फिंगर प्रिंट तकनीक
आम तौर पर अपराध का पता लगाने में उंगलियों के निशान बहुत मददगार साबित होते हैं। हर इंसान के फिंगर प्रिंट अलग-अलग और यूनीक होते हैं, जिनकी मदद से घटना स्थल पर अपराधी के बारे में सीआईडी द्वारा जांच की जाती है। लेकिन अब एक नई तकनीक आ गई है जो फल और सब्जियों पर भी फिंगर प्रिंट के नमूने सुरक्षित रूप से ले पाएगी। दरअसल यह नई तकनीक ब्रिटेन के एबर्टे विश्वविद्यालय के फॉरेंसिक वैज्ञानिकों ने खोजी है। इस तकनीक की मदद से खाद्य पदार्थों से भी फिंगर प्रिंट लिए जा सकेंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इससे पहले सिर्फ भारत और स्लोवानिया में ही इस तरह के अध्ययन किए गए थे। हालांकि उन दोनों अध्ययनों में कई तरह के रासायनिक पदार्थों का प्रयोग किया गया था। वही इस तकनीक में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने किसी भी तरह के रासायनिक पदार्थों का प्रयोग नहीं किया गया हैं। यह तकनीक जांच एजेंसियों के लिए मुजरिम का पता लगाने में सहायक सिद्ध होगी। हालांकि पहले भी इस तरह की कई तकनीकें खोजी जा चुकी हैं, लेकिन इस नई तकनीक में काफी सुधार किया गया है।
यह शोध करने में वैज्ञानिकों को पूरे 10 साल लगे हैं। हालांकि अलग अलग सतहों से फिंगर प्रिंट लेने की सफल विधियां पहले से मौजूद हैं, लेकिन कुछ सतहें जांच प्रक्रिया से बिल्कुल ही अछूती रहती हैं। जैसे कि इंसान और जानवरों की त्वचा, फल और सब्जियां आदि। आम तौर पर इस तरह की सतह एक दूसरे से बहुत अलग होती हैं। जबकि बाकी सतहों से फिंगर प्रिंट लेना बहुत आसान होता है। यह तकनीक अपराध रोकने की दिशा में एक अहम भूमिका निभाएगी।
ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने एक पाउडर विकसित किया है, जो प्याज टमाटर और दूसरे चिकने फलों की सतह से भी उंगलियो की छाप को आसानी से पकड़ सकता है। शोधकर्ताओं की माने तो शुरुआत में इस तकनीक का विकास चिपकने वाले टेप से प्रिंट लेने के लिए किया गया था। प्रयोग सफल होने के बाद ही शोधकर्ताओं ने इसे अपराधियों की जांच में भी काम लेने का निर्णय लिया। हालांकि अभी तक यह तकनीक सभी तरह के फलों पर लागू नहीं होती हैं। इसके लिए आगे और भी शोध कार्य किया जाना बाकी है। यह अध्ययन फॉरेंसिक साइंस की पत्रिका साइंस एंड जस्टिस में प्रकाशित हुआ है।