खुलासा, जानकारी के अभाव में बनता है कुष्ठ रोग इस गंभीर रोग का कारण
जयपुर। कुष्ठरोग या हैन्सेन का रोग (एचडी), चिकित्सक गेरहार्ड आर्मोर हैन्सेन के नाम पर, माइकोबैक्टेरियम लेप्री और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस जीवाणुओं के कारण होने वाली एक दीर्घकालिक बीमारी है।
हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन के बाद इसका खुलासा किया है कि कुष्ठ रोगियों में जानकारी में अभाव के कारण और भी गंभीर बीमारी को न्यौता देता है। कुष्ठ रोग के बढ़ने के कारणों में बताया गया है कि इसकी जिम्मेदारी निदान में देरी रोगी स्तर और स्वास्थ्य सेवा प्रदाता स्तर दोनों पर होती है।
यह वयस्क कुष्ठ रोगियों के बीच विकलांगता में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस अध्ययन में जितने भी मरीजों पर अध्ययन किया गया था उनमें से अधिकांश लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे में भी पता नहीं था। उनका कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे में मानना था कि यह अपने आप ही गायब हो जायेंगे।
जो कि बाद में विकलांगता का भी कारण बनते थे। इनमें से कुष्ठ रोग के बढ़ने के मरीज ऐसे थे जिनकों कुष्ठ रोग लक्षणों के बारें में तीन महिने के बाद पता चला था। अध्ययन से पता चलता है कि कुष्ठ लक्षणों के बारे में समुदायों में जागरूकता बढ़ाने, देर से पता लगाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में कुष्ठ देखभाल की उपलब्धता के परिणाम।
अध्ययन के निष्कर्षों में सामने आया है कि कुष्ठ रोग से विकलांगता के बढ़ने का कारण यही होता है कि ऐसे लोगों मे इसके प्रति कम जानकारी होती है, जिसके चलते वो समय पर इलाज नहीं ले पाते है। जिसके कारण ये रोग धीर—धीरे बढ़ता ही जाता है।

